हिसार

हिसार : शातिर बदमाशों ने पुलिस अधिकारी के साथ कर दिया बड़ा फर्जीवाड़ा

भट्टू के माचरा परिवार के साथ मिला हिसार का लैब टेक्निशियन

हिसार,
कोरोना काल का शातिर बदमाशों ने इस कदर फायदा उठाया कि एक पुलिस अधिकारी के कोरोना सैंपल को बदलवाकर उसे कोरोना पॉजिटिव दिखा दिया। यह सारा खेल राज्य स्तरीय फुटबॉलर सुमन के मर्डर केस से जुड़ा है। आरोपियों ने सच उजागर होने से बचने के लिए फर्जीवाड़ा कर दिया।

आजाद नगर हिसार के थाना प्रभारी गुरमीत सिंह मामले की जांच कर रहे हैं। तीनों आरोपियों प्रमोद माचरा, रविन्द्र माचरा और उर्मिला का नार्को टेस्ट कराने के लिए वे उन्हें लेकर गुजरात के गांधीनगर में गए थे। जाने से पहले 13 मार्च को उन्होंने कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया था। लेकिन पीछे से उनका सैंपल बदलवा दिया गया। सैंपल जमा भी करा दिया गया और उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव भी आ गई।

इस फर्जीवाड़े में स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मी ने आरोपियों का साथ दिया। वहीं फर्जीवाड़े के कारण हत्यारोपियों को सीधा लाभ मिल गया। उन्होंने हाइकोर्ट में याचिका दायर करके SHO के कोरोना पॉजिटिव होने का हवाला देकर नार्को टेस्ट करवाने से मना कर दिया। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नवदीप कॉलोनी निवासी विद्यासागर की शिकायत पर लैब टेक्निशियन दीपक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।

राज्य स्तरीय फुटबॉलर सुमन की शादी 2004 में भट्टूकलां वासी प्रमोद माचरा के साथ हुई थी। शादी के बाद वह अपने पति के साथ हिसार आजाद नगर में रह रही थी। 11 दिसम्बर 2018 को सुमन की ससुराल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी और ससुरालजनों ने आनन-फानन में उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। सुमन की मौत के 5 महीने बाद उसके पति प्रमोद की भाभी उर्मिला के साथ हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग घरवालों के हाथ लग जाती है। जिसमें वह सुमन की मौत की प्लानिंग कर रहे होते हैं। इस रिकार्डिंग के सामने आने के बाद सुमन के पति प्रमोद माचरा, देवर रविन्द्र माचरा और मृतका की अपनी भाभी उर्मिला के खिलाफ हत्या व सबूत मिटाने का केस दर्ज होता है।

सुमन की हत्या केस में जुटी पुलिस ने प्रमोद और उर्मिला के वॉइस सैम्पल लेकर रिकॉर्डिंग से मैच करवाया तो वह मिलान किया गया। सैम्पल मैच होने के बाद पुलिस ने तथ्य जुटाने के लिए आरोपियों का नार्को टेस्ट करवाने की मंजूरी ली। इससे पहले कि नार्को टेस्ट होता, आरोपियों ने टेस्ट के खिलाफ हाइकोर्ट ने याचिका दायर कर दी। लेकिन कोर्ट ने नार्को टेस्ट करने पर रोक नहीं लगाई। इसके बाद नार्को टेस्ट करवाने की तैयारी शुरू होती है और SHO गुरमीत सिंह उन्हें गांधीनगर लेकर जाते हैं। इससे पहले कि नार्को टेस्ट हो पाता, उर्मिला के पति SHO की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट का हवाला देकर स्वास्थ्य मंत्री और कोर्ट को शिकायत भेज देते हैं। इस फर्जीवाड़े के कारण पुलिस टीम को आरोपियों का कोरोना टेस्ट करवाए बगैर ही लौटना पड़ता है।


https://youtu.be/vaoKNN8hUrY

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