हिसार,
हरियाणा सरकार ने ‘गोरखधंधा’ शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे सम्पूर्ण देश के जोगी समाज में खुशी की लहर है। इस शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर अनैतिक प्रथाओं का जिक्र करने के लिए किया जाता है।
समस्त जोगी समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगीराज जयभगवान ने बताया कि ‘गोरखधंधा’ एक किस्म की जटिल मस्तिष्क क्रीड़ा या दिमागी खेल होता था जिसे खुद गुरु गोरखनाथ ने अविष्कारित किया था। इस क्रीड़ा के माध्यम से वे अपने घुमंतु अनुयाइयों की मानसिक और शारीरिक क्षमताओं को निखारने का काम करते थे। उन्होंने अपने इन अनुयाइयों को समाज में जाति रहित समुदायों की स्थापना का उपदेश दिया था। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को राज्य के फरीदाबाद में स्वतंत्रता दिवस पर उद्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मुंह से गोरखधंधा (पेंशन, वजीफों, सब्सिडी में चल रहे गोरख-धंधों का…) शब्द नकारात्मक गतिविधियों के लिए निकल गया था जिससे जोगी समाज में भारी रोष था। समस्त जोगी समाज महासभा सहित सभी सामाजिक संगठनों ने ‘गोरखधंधा’ शब्द के गलत तरीके से प्रयोग किए जाने पर अपनी नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री को अपनी पीड़ा से अवगत कराया।
योगीराज जय भगवान ने बताया कि इस संबंध में गत 5 सालों से सभी मीडिया उपक्रमों से वार्ता, पत्राचार एवं व्यक्तिगत भेंट कर, इस विषय पर ध्यान आकर्षण और आपत्ति जताई गयी, जिसे इस बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा इसे स्वीकार किया गया और परिणाम 100 प्रतिशत सकारात्मक रहे किंतु मुख्यमंत्री के मुख से ऐसी ही नकारात्मक गतिविधियों के संदर्भ में इस शब्द के प्रयोग से पुन: इस अभियान को गहरा आघात पहुंचा था। उन्होंने बताया कि अब मुख्यमंत्री किसी ने भी अनैतिक संदर्भ में इस शब्द का उपयोग राज्य में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस संबंध में सरकार की ओर से जल्द ही एक अधिसूचना जारी की जाएगी। अब किसी तरह के गलत कार्यों, ठगी-धोखाधड़ी आदि कारनामों में ‘गोरखधंधा’ शब्द का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा।