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जज ने पार्किंग में आकर सुनाया फैसला—जानें कारण

कोर्टरुम को छोड़कर वकील सहित जज कोर्ट में पहुंचे और फैसला सुनाया

कोरबा,
छत्तीसगढ़ के कोरबा में जिला अदालत के जज फैसला सुनाने के लिए कोर्ट रूम से बाहर आ गए। उन्होंने एक सड़क दुर्घटना की वजह से लकवे से पीड़ित हुए 42 साल के एक शख्स को 20 लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला सुनाया।

2018 में एक एक्सीडेंट की वजह से द्वारिका प्रसाद कंवर को कई चोटें आई थी और उन्हें लकवा मार गया था। मेडिकल कंडिशन की वजह से द्वारिका प्रसाद कोर्ट रूम के अंदर नहीं जा पा रहे थे, जिसके बाद सेशन कोर्ट के जज बीपी वर्मा खुद बाहर आ गए। जज बीपी वर्मा डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के चेयरमैन भी हैं।

जज बीपी वर्मा लोक अदालत में द्वारिका प्रसाद के मुआवजे की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। जब उन्हें पता चला कि द्वारिका अपनी मेडिकल कंडिशन की वजह से अंदर नहीं आ पा रहे हैं तो वो खुद कोर्ट रूम से बाहर निकले और पार्किंग एरिया पहुंच गए, जहां द्वारिका एक गाड़ी का इंतजार कर रहे थे।

द्वारिका के वकील पीएस राजपूत और इंश्योरेंस कंपनी के वकील रामनारायण राठौड़ भी जज के साथ पार्किंग एरिया में गए, जहां जज बीपी वर्मा ने फैसला सुनाया। जज ने इंश्योरेंस कंपनी को पीड़ित को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

दिसंबर 2018 में द्वारिक प्रसाद की कार रायगढ़ शहर के मनिकपुर इलाके में एक ट्रेलर से टकरा गई थी। इस हादसे में उन्हें गंभीर चोटें आई थी। उनकी रीढ़ की हड्डी में भी फ्रैक्चर आ गया था। इसके बाद उन्हें लकवा मार गया था। इस हादसे से वो खुद से चलने-फिरने में असमर्थ हो गए।

द्वारिका ने अपनी इंश्योरेंस कंपनी से मुआवजे की मांग की थी क्योंकि इस हादसे से उनके परिवार को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा था। तीन साल से उनका केस पेंडिंग था और जब जज बीपी वर्मा ने उनके हक में फैसला दिया तो उन्होंने कोर्ट का आभार जताया।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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