हिसार

मांगों पर गौर नहीं किया तो आंदोलन तेज करेंगी आंगनवाड़ी महिलाएं

आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के हवाले करने का विरोध जारी

रोडवेज नेता दलबीर किरमारा ने किया आंदोलन का समर्थन

हिसार,
आंगनबाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों व समस्याओं पर गौर नहीं किया गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। यूनियन जहां हरियाणा सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को प्लेवे स्कूलों के नाम पर एक निजी एनजीओ को सौंपे जाने के विरोध में आंदोलन कर रही है वहीं यूनियन का यह भी आरोप है कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2018 में हुआ समझौता भी अभी तक लागू नहीं किया है।
यूनियन की ओर से लघु सचिवालय के समक्ष दिया जा रहा धरना लगातार जारी है। आज के धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान बिमला राठी ने की जबकि संचालन कमलेश बूरा, मनतारी व अंजना शर्मा ने किया। धरने में हिसार-1 से सरोज, सुषमा, रोशनी, कमलेश, कोशल्या, सुदेश, गीता व चमेली, हिसार-2 से संतोष, बाला, पुष्पा, रोशनी, प्रेमलता, सुमन, बबली व सुमन, हिसार अर्बन से अनसुइया, राजबाला बिश्नोई, शीला, निशा व सरोज, हांसी-1 से धनपति, सुशीला, कमला व भतेरी, आर्यनगर से गायत्री, वीना, पिंकी, पुष्पा, केलापती, गंगवा से सरोजनी, संगीता, उर्मिला, संतोष, राजबाला, शकुंतला, दर्शना, अंगूरी, फूला, सरस्वती व भतेरी, बरवाला से कमलेश, शीला, सूरजमुखी, कांता, सुमन, राजबाला व सविता सहित जिलेभर की आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर शामिल हुई। धरने में यूनियन की प्रदेश वरिष्ठ महासचिव जगमति मलिक विशेष रूप से पहुंची और संबोधित किया।
जगमति मलिक ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों को प्लेवे स्कूलों के नाम पर एक निजी एनजीओ को सौंपे जाना पूरी तरह से जनविरोधी कदम है। आंगनवाड़ी महिलाएं इस फैसले का पुरजोर विरोध करेगी और एनजीओ को कोई रिपोर्ट नहीं करेंगी। इसी के विरोधस्वरूप आंगनवाड़ी महिलाओं ने आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लगा दिये हैं और ये ताले तब खुलेंगे जब हरियाणा सरकार और महिला एवं बाल विभाग की मंत्री आंदोलनकारी आंगनबाड़ी वर्कर्स का दमन बंद करेगी। उन्होंने मांग की कि बर्खास्त की गई यूनियन नेता कमला दयोरा को बहाल किया जाए, रंजिशन बनाए गए झूठे मुकदमे खारिज किए जाएं, आंगनबाड़ी केंद्रों को निजी एनजीओ को सौंपने का फैसला वापिस लिया जाए, आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर को सरकारी श्रमिक का दर्जा व वेतन आयोग के अनुसार वेतन-भत्ते और अन्य सुविधाएं दिए जाएं, रिटायर होने पर पेंशन, मेडिकल सुविधा आदि सुविधा दी जाए।
यूनियन की जिला प्रधान बिमला राठी ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को प्लेवे स्कूलों के नाम पर एक निजी एनजीओ को ना सौंपना चाहती है, जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने मांग की कि आंगनवाड़ी महिलाओं पर ऑनलाइन कार्य ना सौंपा जाए और विभाग को सार्वजनिक क्षेत्र का अहम हिस्सा बना रहने दें।
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य अध्यक्ष दलबीर किरमारा व यूनियन के अन्य पदाधिकारी भी आंगनवाड़ी महिलाओं के धरने पर पहुंचे और उनके आंदोलन का समर्थन किया। दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार ने पूर्व में हुआ समझौता ही लागू नहीं किया था और अब फिर से विभाग को बर्बाद करने की परिपाटी तैयार कर दी है, जो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि रोडवेज कर्मचारी इस आंदोलन में आंगनवाड़ी महिलाओं के साथ हैं।

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