हरियाणा हिसार

राज्य महासचिव ने धरने पर आकर भरा आंगनवाड़ी महिलाओं में जोश

जगमति बोली, अपने हकों व बच्चों के भविष्य के लिए संघर्ष जारी रखेंगी आंगनवाड़ी महिलाएं

जिला सह सचिव सुशीला जांगड़ा ने विस्तार से रखी मांगे

हिसार,
आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के अधीन करने के विरोध में तथा वर्ष 2018 में किया गया समझौता लागू करवाने की मांग पर आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन के आह्वान पर महिलाएं 37वें दिन भी लघु सचिवालय के समक्ष धरने पर डटी रही। महिलाओं ने सरकार एवं विभागीय मंत्री के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करके अपना रोष जताया।
धरने की अध्यक्षता करते हुए राज्य महासचिव जगमति मलिक ने कहा कि आंगनवाड़ी महिलाएं अपने हकों के लिए व बच्चों के भविष्य के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी। इसके लिए महिलाएं कितने भी बड़े आंदोलन से गुरेज नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि धरने के इतने दिनों बाद भी सरकार इस तरफ ध्यान न देकर अपनी संवेदनहीनता दर्शा रही है। इसके बावजूद आंगनवाड़ी महिलाएं पूरे जोश से अपना आंदोलन जारी रखेंगी।
धरने का संचालन सुशीला जांगड़ा व राजबाला सहारण ने संयुक्त रूप से किया जबकि मनतारी चोपड़ा ने गीत गाकर सरकार के खिलाफ आंगनवाड़ी महिलाओं का रोष दर्शाया। जिला सह सचिव सुशीला जांगड़ा ने इस अवसर पर मांगे दोहराते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2018 में वादा किया था कि आंगनवाड़ी महिलाओं को कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा, यूनियन नेता कमला रानी को बहाल किया जाएगा और वर्कर का वेतन 1500 रुपये व हेल्पर का 750 रुपये बढाया जाएगा लेकिन सरकार ने वर्ष 2018 में किया समझौता भी लागू नहीं किया। उन्होंने उपरोक्त मांगों को दोहराते हुए मांग की कि तीन वर्ष का महंगाई भत्ता साथ जोड़ा जाए, सुपरवाइजर के सभी पद वर्करस की सीधी भर्ती से भरे जाए, हेल्पर की पदोन्नति को 25 प्रतिशत से बढा़ कर 50 प्रतिशत किया जाए। इसके अलावा उन्होंने अन्य मांगों का भी जिक्र किया। उन्होंने मांग की कि वर्कर व हेल्पर को आयुष्मान योजना से जोड़ा जाए, रुका हुआ मानदेय व सेंटरों का किराया दिया जाए, खाना बनाने के लिए सिलेंडर की सप्लाई विभाग द्वारा की जाए, पैंशन सुविधा दी जाए, मेडिकल अवकाश दिया जाए, एनजीओ का दखल बंद करके सरकार सीधा काम करवाए, कोरोना के दौरान वर्कर व हेल्पर की मौत के बाद परिजनों को 50 लाख रुपए दिए जाये, प्ले स्कूल के नाम पर वर्करों की छंटनी बंद की जाए, और सभी को प्लेवे की ट्रेनिंग दी जाए। यदि इन मांगों पर सरकार गौर नहीं करती है तो आंदोलन जारी रहेगा।
महासंघ नेता सहगल व नैन ने की मांगे पूरी करने की मांग
हरियाणा कर्मचारी महासंघ के पूर्व राज्य महासचिव एमएल सहगल एवं रोडवेज नेता राजपाल नैन मौके पर पहुंचे और आंगनवाड़ी महिलाओं के आंदोलन का समर्थन किया। दोनों नेताओं ने आंगनवाड़ी महिलाओं की मांगों को उचित बताते हुए सरकार से इन्हें तुरंत पूरा करने की मांग की

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