जाट समाज के गणमान्य लोगों व जाट एजुकेशन सोसायटी के कॉलेजियम सदस्यों ने उठाई मांग
हिसार,
उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी को सीआरएम जाट कॉलेज का प्रशासक नियुक्त किए जाने के आदेश को अधूरा मानते हुए जाट एजुकेशन सोसायटी ने असंतोष प्रकट किया है।
जाट समाज के गणमान्य व्यक्तियों व सोसायटी के कॉलेजियम के सदस्य पूर्व मंत्री कंवल सिंह, पूर्व वीसी डा. केके खोखर, धर्मवीर गोयत, राजेंद्र सूरा, प्रो. केएल रिणवा, कुलजीत घनघस, एडवोकेट योगेश सिहाग, राजकपूर बामल सहित कई अन्य सदस्यों ने आज एक संयुक्त बयान में कहा कि जाट समाज के गणमान्य लोगों और कॉलेजियम सदस्यों ने पूरे जाट शिक्षण संस्थान की संस्थाओं के लिए प्रशासक नियुक्त करने की मांग उठाई थी लेकिन इसमें केवल आंशिक ही कार्य किया है, जिसके तहत उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी को सीआरएम जाट कॉलेज का प्रशासक नियुक्त किया गया है। उन्होंने आशंका जताई कि यह फैसला जानबूझकर लिया गया है, जिसके चलते जाट कॉलेज के अतिरिक्त जाट एजुकेशन सोसायटी के अंतर्गत आने वाली अन्य शिक्षण संस्थाओं में भी फंड के दुरूपयोग की आशंका है। इसलिए जाट एजुकेशन सोसायटी के कॉलेजियम इसको अधूरा फैसला मानते हैं।
सदस्यों ने बताया कि जाट शिक्षण संस्थाओं के लिए प्रशासक नियुक्त करने की मांग पिछले एक वर्ष से की जा रही है, लेकिन उनकी मांग पर केवल यह अधूरा फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि जब जाट एजुकेशन सोसायटी की कार्यकारिणी का कार्यकाल वर्ष 2020 में ही पूरा हो चुका है तो उस कार्यकारिणी का अब जाट शिक्षण संस्थानों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है, फिर भी सत्ता के इशारे पर उक्त कार्यकारिणी द्वारा गैर कानूनी तरीके से निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कोऑप्रेटिव सोसायटी के रजिस्ट्रार सत्ता के इशारे पर मूकदर्शक बने हुए हैं और जाट एजुकेशन सोसायटी के चुनाव करवाने को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जाट समाज के गणमान्य लोगों व जाट एजुकेशन सोसायटी के कॉलेजियम के अनेक सदस्यों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर जाट एजुकेशन सोसायटी के चुनाव जल्द से जल्द करवाने और चुनाव होने तक जाट एजुकेशन सोसायटी के अंतर्गत आने वाली सभी शिक्षण संस्थाओं के लिए प्रशासक नियुक्त जाने की मांग उठाई थी।