पदमश्री से सम्मानित पूर्व हॉकी कप्तान चरणजीत सिंह को किए श्रद्धासुमन अर्पित
शोक सभा में आत्मिक शांति के लिए की प्रार्थना
हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि टोक्यो ओलंपिक में 1964 में हॉकी खेल में देश को स्वर्ण पदक दिलाने वाले स्व. चरणसिंह का देश हमेशा ऋणी रहेगा। आने वाली युवा पीढ़ी व खिलाडिय़ों को ऐसी महान शख्सियत से प्रेरणा लेनी चाहिए।
कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज एचएयू के पूर्व छात्र कल्याण निदेशक एवं पदमश्री स्व. चरणसिंह के आकस्मिक निधन पर आयोजित शोक सभा में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद बोल रहे थे। इस दौरान दो मिनट का मौन धारण कर अर्जुन अवार्ड प्राप्त खिलाड़ी की आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने बताया कि स्वर्गीय चरण सिंह का जन्म तीन फरवरी 1937 को हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में हुआ था और गत 27 जनवरी को उनका 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से न केवल विश्वविद्यालय बल्कि खेल के क्षेत्र में देश ने एक महान खिलाड़ी को खो दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1964 में हॉकी खेल में देश ने उनकी कप्तानी में स्वर्ण पदक हासिल किया था। उनकी खेल उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 1963 में अर्जुन अवार्ड व वर्ष 1964 में उन्हें पदमश्री से नवाजा था। वे वर्ष 9 सितंबर 1971 से 24 मार्च 1972 तक एचएयू में बतौर छात्र कल्याण निदेशक रहे। इससे पूर्व वे पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना में छात्र कल्याण उप निदेशक के पद पर कार्यरत थे।
कुलपति ने कहा कि हमें ऐसे महान खिलाड़ी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए आगे बढऩा चाहिए। उनके मार्गदर्शन मेें विश्वविद्यालय ने खेलकूद व सांस्कृतिक क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए। खेल क्षेत्र में खिलाडिय़ों के लिए निरंतर मूलभूत सुविधाओं को लेकर वे सदैव प्रयासरत रहे ताकि विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया जा सके। उनका विश्वविद्यालय में खेलकूद के क्षेत्र में बहुत योगदान रहा। इस अवसर पर छात्र कल्याण निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह दहिया ने स्वर्गीच चरणजीत सिंह के जीवन परिचय देते हुए उनके द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऐसे महान खिलाड़ी के योगदान को देश कभी नहीं भूल पाएगा। इससे खेल जगत को बहुत बड़ी क्षति हुई है। इस अवसर पर ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, कुलसचिव डॉ. एस.के. महत्ता, स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. केडी शर्मा, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा, अनुसंधान निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा, गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बिमला ढांडा, कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. बलदेव डोगरा, एसवीसी कपिल अरोड़ा सहित अन्य अधिकारियों व छात्र कल्याण निदेशालय के कर्मचारियों ने पुष्प अर्पित उन्हें श्रद्धांजलि दी।