हिसार,
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है, जिसमें उन्होंने सशर्त बातचीत की बात कही है। तालमेल कमेटी ने कहा कि वह जनहित व विभाग में बातचीत को तैयार है लेकिन यह बातचीत सीएम स्तर की होनी चाहिए और उसमें कोई शर्त का अड़ंगा नहीं लगाना चाहिए।
एक संयुक्त बयान में तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा, हरिनारायण शर्मा, इन्द्र सिंह बधाना, अनूप सहरावत, जयभगवान कादियान, सरबत सिंह पूनिया, पहल सिंह तंवर व रमेश सैनी ने दावा किया प्रदेशभर में चल रही हड़ताल के पांचवे दिन भी रोडवेज का चक्का जाम रहा। तालमेल कमेटी नेताओं ने जनता को हो रही असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा कि इसके लिए सीधे तौर पर सरकार जिम्मेवार है और यदि सरकार को जनता की परेशानियों से थोड़ी सी भी हमदर्दी है तो उसे तुरंत बातचीत करके समस्या का समाधान निकालना चाहिए। हड़ताल को प्रदेशभर में कर्मचारी संगठनों, जन संगठनों, राजनीतिक संगठनों, छात्रों व आम जनता का भारी समर्थन मिल रहा है, जिसके लिए रोडवेज कर्मचारी उनके आभारी हैं।
उन्होंने परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह द्वारा 720 प्राइवेट बसें हायर करने व बर्खास्त किये गए कर्मचारियों को बहाल करने की मांग को छोड़कर अन्य मांगों पर बातचीत करने के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह हड़ताल 720 निजी परमिट रद्द करने की मांग पर शुरू हुई थी, इसलिए सरकार बिना शर्त बातचीत करें और रोडवेज तालमेल कमेटी के नाम विधिवत रूप से डिपो महाप्रबंधकों के माध्यम से पत्र जारी करें। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव का बयान केवल कर्मचारियों व आम जनता को भ्रमित करने वाला है। उन्होंने कहा कि 720 प्राइवेट बसें हायर करने का मामला मुख्यमंत्री के स्तर का है, इसलिए बातचीत बिना शर्त मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा हायर की जा रही 720 बसें किसी साधारण ट्रांसपोर्टर की नहीं बल्कि राजनीतिक प्रभावशाली व्यक्ति की है, जिसके लिए बहुत महंगा रेट तय किया गया है। यह एक बहुत बड़ा घोटाला है, जिसकी उच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रोडवेज कर्मचारी विभाग व जनता के हित के संघर्ष में किसी के आगे झुकने वाले नहीं है, समाधान के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।