किसानों को मशीनों की दी जानकारी
हिसार,
कृषि यंत्रों व मशीनों के जरिए खेती को न केवल आसान बनाया जा सकता है बल्कि समय व श्रम की बचत के साथ-साथ फसल उत्पादन को भी बढ़ाया जा सकता है।
यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने हिसार के सीसवाला गांव में तकनीकी एवं मशीनरी प्रदर्शनी मेला का उद्घाटन करते हुए कही। मेले का आयोजन विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के फार्म मशीनरी एवं पावर इंजीनियरिंग, प्रोसेसिंग एवं फूड इंजीनियरिंग तथा रिनुएयबल एवं बायो-एनर्जी इंजीनियरिंग विभाग के अंतर्गत चल रही अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की कृषि उपकरण एवं मशीनरी, कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों में ऊर्जा तथा कटाई उपरांत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी परियोजना के तहत आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा वर्तमान परिस्थिति के अनुसार हमारे देश में इस समय जुताई के लिए उन्नत यंत्र, उन्नत बुआई तथा रोपाई यंत्र, सिंचाई यंत्र, कटाई तथा मड़ाई यंत्र आदि किसानों के लिए उपलब्ध हैं। इसके बावजूद कई क्षेत्र ऐसे हैं जिनको ध्यान में रखकर यांत्रिकरण के स्तर को और भी ऊपर ले जा सकते हैं तथा किसान अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं।
कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. बलदेव डोगरा ने मेले में पहुंचे किसानों का स्वागत किया। उन्होंने कृषि क्षेत्र में उपयोगी उन्नत मशीनों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं जिनके तहत किसान मशीनों की खरीद पर भारी सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। इस मेले में खेत की तैयारी से लेकर फसल की कटाई के लिए उपलब्ध मशीनें, कृषि उत्पाद के प्रसंस्करण के लिए उपलब्ध उन्नत मशीनें, खेती में उपयोगी अक्षय/नवीकरणीय ऊर्जा के श्रोत आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई तथा कुछ महत्वपूर्ण मशीन/तकनीक की प्रदर्शनी भी लगाई गई। मेले में कृषि मशीनीकरण के अंतर्गत छोटी जोत वाले किसानों के लिउए उपयोगी छोटे ट्रेक्टर/इंजन चालित जुताई तथा निराई-गुड़ाई यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के लिए उपयोगी मशीनें जैसे सुपर सीडर, मलचर, बेलर आदि यंत्रों को प्रदर्शित किया गया और इनके बारे में किसानों को जानकारी भी दी गई। इसके अलावा खाद्य प्रसंस्करण से होने वाले लाभ तथा इसमें उपलब्ध अवसरों के बारे में बताया गया जिससे किसान अपनी उपज को अच्छे दाम पर बेच सकेगा। खेती में उपयोगी ऊर्जा के नवीकरणीय श्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, बायोगैस आदि के बारे में भी जानकारी दी गई और बताया गया कि किसान कैसे इन श्रोतों का उपयोग करके खेती की लागत कम कर सकते हैं।
इस मेले में सीसवाला गांव तथा इसके आसपास के गांवों से किसान शामिल हुए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय से डॉ. वाईके यादव, डॉ. अमरजीत कालरा, डॉ. विजया रानी, डॉ. रवि गुप्ता, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. वीके सिंह व अन्य वैज्ञानिक भी मौजूद थे जिन्होने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए। मेले में किसानों के मंनोरंजन के लिए हरियाणा कला परिषद की ओर से सुमित सातरोड़ एवं उनके साथी कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।