हिसार,
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा द्वारा परिवहन विभाग के एसीएस कार्यालय पर किए गए जाने वाले मास डेपुटेशन को स्थगित कर दिया है। एसीएस ने कर्मचारियों की लंबित मांगों के समाधान को लेकर सांझा मोर्चा को 16 जून को बातचीत के लिए बुलाया है, जिसको लेकर पत्र भी एसीएस द्वारा जारी कर दिया गया है।
यह जानकारी देते हुए सांझा मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य रमेश श्योकंद, ओमप्रकाश ग्रेवाल, जयभगवान कादियान, कृष्ण कादियान, विनोद शर्मा, वीरेन्द्र सिंह, इंद्र सिंह, सुरेन्द्र कुमार, आजाद गिल व अशोक खोखर ने एक संयुक्त बयान जारी कर बताया कि सांझा मोर्चा लंबे समय से कर्मचारियों की लंबित मांगों एवं विभाग में जनसंख्या अनुसार नई बसों को बेड़े में शामिल करने की मांग कर रहा हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार 2016 की स्टेज कैरिज परमिट पॉलिसी ए,बी व सी कैटेगरी बना कर परमिट देने की योजना बना रही हैं, जबकि 2017 में तत्कालीन परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में यूनियनों के साथ समझौते में इस पॉलिसी को रदद् किया गया था। उन्होंने बताया कि सांझा मोर्चा द्वारा एक जून से तीन जून तक हस्ताक्षर अभियान चला कर जनता की राय ली गई। जिसमें छात्र-छात्राओं एवं आम जनता ने हस्ताक्षर करके रोडवेज के बेड़े में नई बसें शामिल करने रोडवेज कर्मचारियों की मांग को सही बताते हुए उसका समर्थन किया। किसी भी व्यक्ति द्वारा प्राइवेट बसों की मांग नहीं गई। इसके बावजूद सरकार बिना किसी मांग के प्राइवेट बसों को रोडवेज विभाग में देना चाहती है। उन्होंने कहा कि सांझा मोर्चा की मांग है कि जनसंख्या अनुसार रोडवेज के बेड़े में 14000 नइई बसें शामिल की जाएं, जिससे हजारों बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।