सांसद ने ‘अग्निपथ-अग्निवीर’ योजना को बताया बेहद अहम
पार्टी कार्यालय में बैठक आयोजित करके भाजपा नेताओं ने जड़े कांग्रेस पर आरोप
हिसार,
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद डा. डीपी वत्स ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी ने देश व देश की सेनाओं के साथ हमेशा धोखा करके इन्हें कमजोर करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि अग्निपथ के नाम पर देश की जनता, खासकर युवा वर्ग को गुमराह करने वाली कांग्रेस को अपने कार्यकाल व कार्यप्रणाली पर गौर करना चाहिए।
सांसद डा. डीपी वत्स हिसार के भाजपा कार्यालय में जिला अध्यक्ष कैप्टन भूपेन्द्र, वीरचक्र की अध्यक्षता में अग्निपथ गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। सांसद ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा सशस्त्र बलों में सेवा के लिए आरम्भ की जा रही ‘अग्निपथ-अग्निवीर’ योजना एक बेहद अहम योजना है। यह योजना देश की सीमाओं के साथ-साथ देश के अंदर भी हमारे नागरिक की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना एक स्वैच्छिक योजना है, हालांकि दुनिया के बहुत से देशों ने तो अपने राष्ट्र की मजबूती के लिए डिफेंस सर्विस को मैंडेटरी किया है। उन्होंने कहा कि इसमें चयन के लिए उम्र की सीमा 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच रखी गई है। सशस्त्र बलों की ओर से समय-समय पर घोषित की गई संगठनात्मक आवश्यकता और सेना की नीतियों के आधार पर चार साल की सेवा पूरी होने पर अग्निवीर को सशस्त्र बलों में स्थायी नामांकन के लिए आवेदन करने का मौका दिया जाएगा।सांसद ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए बताया कि देश की आजादी के बाद जो सेना देश के लिए लड़ी और देश के लिए जिन सैनिकों ने बलिदान दिया, उनको ना तो कांग्रेस की सरकार ने कोई नौकरी या पेंशन का प्रावधान प्रदान किया और ना ही किसी अन्य सुविधा का लाभ दिया। इसी दुर्व्यवहार का एक उदाहरण हाल ही में सार्वजनिक किए गए नेताजी से जुड़े दस्तावेजों में हुआ कि जिन्होंने आजाद हिंद फौज का खजाना लूटा नेहरू ने उसी रामामूर्ति को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि 1947-48 में पाकिस्तानी सेना द्वारा धोखे से किए गए हमले से जब भारतीय सेना डटकर सामना कर रही थी और पाकिस्तानी सेना को मुंह तोड़ जवाब दे रही थी लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सेना के ऑपरेशन को वहीं रोक दिया, जिसके परिणामस्वरूप भारत की 13297 वर्ग किलोमीटर जमीन पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया। इसी तरह वर्ष 1947 में भारत के आजाद होने के बाद नेहरू के विचार कुछ इस प्रकार थे कि भारत को सत्याग्रह और शांति के साथ देश की सीमाओं की सुरक्षा प्रदान की जाएगी और वह सेना को विघटित करना चाहते थे। इसी का फायदा उठाकर चीन ने धोखे से भारत के क्षेत्र लद्दाख में 37244 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया। उन्होंने यह भी कहा कि 1962 के युद्ध में भारतीय सेना के साथ चीन का धोखा तो एक तरफ था ही दूसरी तरफ इस हार के जिम्मेदार भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू भी थे क्योंकि सरकार की तरफ से कोई इंटेलिजेंस इनपुट नहीं था और जानकारी के अभाव के कारण भारतीय सेना इस युद्ध में हारी।
सांसद डा. वत्स ने कहा कि सेना की इनपुट की लगातार अनदेखी ही 1965 के युद्ध का कारण बनी। उसमें भी कांग्रेस सरकार की जल्द फैसले न लेने के कारण व राजनीतिक इच्छाशक्ति का ना होना था। उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने अपने शौर्य व पराक्रम से पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दी और पाकिस्तान के दो टुकड़े करके एक अलग देश का निर्माण किया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को बंदी भी बनाया लेकिन हाथ आया यह मौका तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गवां दिया और बिना किसी परिणाम के 93000 सैनिकों को रिहा कर दिया। उन्होंने कहा कि सियाचिन में सेना की रणनीति को दरकिनार कर कांग्रेस ने जो गलती की उसका खामियाजा भारतीय सेना आज तक भुगत रही है। सियाचिन का युद्ध दुनिया की सबसे ऊंचाई पर लड़ा गया युद्ध है और उस युद्ध के बाद आज तक सिर्फ खराब मौसम के कारण भारतीय सेना अपने 873 जवानों को खो चुकी है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में सेना के इंटेलिजेंस इनपुट को लगातार दरकिनार करने की बजाए अगर कांग्रेस सरकार ने समय रहते सही कार्रवाई की होती तो कारगिल में भारतीय सेना के 527 जवानों को शहादत नहीं देनी पड़ती।
भाजपा सांसद डा. डीपी वत्स ने आरोप लगाया कि सेना के आधुनिकरण में कांग्रेस लगातार रोड़ा अटकाती रही है। कांग्रेस ने अपनी कमीशनखोर नीति के कारण सेना के आधुनिकीकरण को हमेशा हाशिये पर रखा। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में कांग्रेस की सरकार ने हमेशा अराजकता का वातावरण बनाए रखने की कोशिश की। अलगाववादी सोच को बढ़ाने के लिए भी कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी तरह कांग्रेस की सरकार में देश में आतंकवादी हमले होना एक आम बात हो चुकी थी। देश में आए दिन कोई न कोई बड़ा आतंकवादी हमला होता जिसमें अनेक निर्दोष लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता था। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ाने में भी कांग्रेस ही जिम्मेदार है नेहरू की गलत नीतियों का खामियाजा भारतवासी आज तक भुगत रहे हैं। इसी तरह 70 के दशक में आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में माओवादी गतिविधियों को बढ़ाने में कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस की सरकारों का हाथ रहा। देश की जनता व देश की सेना लगातार अस्थिरता के वातावरण में उलझे रहे यही कांग्रेस का प्रयास रहा। उन्होंने कांग्रेस व उसके नेताओं को सलाह दी कि वे अब सेना के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकना बंद करें। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता अग्निपथ योजना को जनता के बीच लेकर जाए और दुष्प्रचार करने वाली कांग्रेस को बेनकाब करें।
बैठक में उपरोक्त के अलावा सिरसा लोकसभा प्रभारी श्रीनिवास गोयल, प्रदेश मंत्री सरोज सिहाग, महाबीर प्रसाद, सीमा गैबीपुर, आशा खेदड़, सुदेश चौधरी, मनदीप मलिक, जितेन्द्र जोग, जिला महामंत्री प्रवीण पोपली, जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सपड़ा, कार्यक्रम के संयोजक विकास जैन, रामचन्द्र गुप्ता, सातों विधानसभाओं के प्रत्याशी, जिला व मंडलों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।