हिसार (राजेश्वर बैनिवाल)
हैफड द्वारा सरसों खरीद शुरू किये जाने के साथ ही जिला प्रशासन जहां खरीद का शैड्यूल जारी कर रहा है वहीं जिले के विभिन्न क्षेत्रों में खरीद न होने या अनियमितताएं होने से किसानों का रोष भी बढऩे लगा है। आदमपुर में खरीद न होने के विरोधस्वरूप तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर सोमवार तक खरीद शुरू न होने पर मंडी बंद की चेतावनी दी गई है वहीं निर्देशों की बावजूद हिसार अनाज मंडी में खरीद शुरू न होने पर किसान सभा ने भी आंदोलन की बात कही है। ऐसे में सरसों खरीद के सरकार के निर्देश व प्रशासन का शैड्यूल किसानों के लिए बेमानी होकर रह गये हैं।
सरकार ने किसानों को लाभ देने की बात कहते हुए सरसों की फसल 3900 रुपए प्रति क्विंटल के साथ 100 रुपए बोनस यानि 4 हजार रुपए घोषित करके अपनी पीठ थपथपाने का प्रयास तो किया है लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। जिले की आदमपुर अनाज मंडी में सरसों की उपज अव्वल दर्जे में आती है। यहां पर हैफेड खरीद नहीं कर रही। ऐसे में यहां पर सरसों का भाव 3575 से 3650 रुपए प्रति क्विंटल के चल रहा है। देखा जाए तो यह सरकार के भाव से 350 से लेकर 425 रुपए प्रति क्विंटल तक कम है, जबकि इस समय आदमपुर में सरसो की अच्छी उपज आ रही है। यह हाल अकेले आदमपुर का नहीं है, सिवानी में 3560 से लेकर 3660 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों खरीदी जा रही है। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, जींद व रेवाड़ी की अनाज मंडी में भाव भी 3550 से 3675 के बीच ही चल रहे है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि हैफेड ने 15 मार्च से सरसों की खरीद करने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक अधिकतर सेंटरों पर उसने सरसों में नमी बताकर खरीद ही आरंभ नहीं की है।
आदमपुर अनाज मंडी में हैफेड द्वारा सरसों के खरीद केंद्र की स्थापना न करने के खिलाफ अखिल भारतीय किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल ने आदमपुर के तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि जिले में आदमपुर, बरवाला, हांसी व उकलाना में विकसित अनाज मंडी है। इसके बाद भी हैफेड द्वारा हिसार जिले में केवल हिसार और बास की अनाज मंडी में खरीद केंद्र बनाया गया है। किसानों ने मांग की है कि सरकार बिना देरी किए सभी अनाज मंडियों में खरीद केंद्र की स्थापना करें और किसानों की पूरी फसल खरीदने का ऐलान करें।
अखिल भारतीय किसान सभा जिला प्रधान मोलड सिंह आर्य ने कहा कि आदमपुर की अनाज मंडी में काफी बड़ी संख्या में किसान सरसों लेकर आते है। ऐसे में यहां सरकार को स्थाई खरीद केंद्र की स्थापना करनी चाहिए। साथ ही सरकार को अपने नियमों में सुधार करते हुए सरसों खरीद की सीमा 25 से बढ़ाकर 40 क्विंटल प्रति किसान करनी चाहिए। फर्द के स्थान पर पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर सरसों की खरीद की जानी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांग को रविवार तक नहीं माना तो वे सोमवार को मंडी को बंद करके कामकाज को ठप्प कर देंगे।
किसान सभा ने आरोप लगाया है कि हिसार अनाज मंडी में आज भी किसानों की सरसों की फसलों की सरकारी खरीद नहीं हुई जिससे किसानों में भारी रोष। इसके विरोध में 21 मार्च को अनाज मंडी में प्रदर्शन किया जाएगा। किसान सभा के राज्य वित्त सचिव प्रदीप सिंह व जिला सचिव सूबेसिंह बूरा के अनुसार जिला प्रशासन आज भी सरसों की फसल की खरीद नहीं की जिससे किसानों में भारी गुस्सा है। सरकार ने फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4000 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था परंतु पूरे प्रदेश में इस रेट पर कही भी फसल की खरीद नहीं हो रही है। सरकार व्यापारियों द्वारा किसानों की फसल को लुटवा रही है। इसलिए किसान सभा ने इसके विरूद्ध रोष प्रकट करते हुए 21 मार्च को अनाज मंडी में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि प्रदेश की भाजपा सरकार एक बार फिर धरतीपुत्रों को लाभ दिलवा पाने में कामयाब नहीं हो पा रही है। इसका मुख्य कारण हैफेड की गलत नीतियां, अधिकारियों की लापरवाही और सभी अनाज मंडियों में सरसों की खरीद न होना मुख्य है लेकिन अधिकारियों के जकड़ में आई सरकार किसानों के हित में कुछ कर पाएगी, ऐसा भी संभव नहीं दिख रहा।
सरसों की सुचारू खरीद के लिए प्रशासन ने किए दिन निर्धारित
सरसों की खरीद सुचारू ढंग से करवाने के लिए हैफेड ने गांववाइज दिन निर्धारित किए हैं ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने हैफेड को नियमानुसार सरसों की खरीद करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसानों के समक्ष किसी प्रकार की दिक्कत न आने दी जाए।
हैफेड के जिला प्रबंधक आरके गोयल ने बताया कि 17 मार्च को नथवाना, दुबेटा, मुजादपुर के किसानों की सरसों की खरीद की जाएगी। इसी प्रकार 19 मार्च को मसूदपुर, डाटा, गुराना, 20 मार्च को मिंगनीखेड़ा, खोखा, कैमरी, 21 मार्च को ढाणी प्रेमनगर, मंगाली जाटान, 22 मार्च को छान व ब्यानाखेड़ा, 23 मार्च को मोहब्बतपुर व मंगाली झारा, 24 मार्च को हिंदवान, लुदास, शाहपुर व टोकस पातन, 26 मार्च को तलवंडी रुक्का, बुरे, बालावास, 27 मार्च को मंगाली मोहब्बत, मंगाली सुरतिया, मंगाली ब्राह्माणान, 28 मार्च को देवां, भेरियां व पायल, 30 मार्च को बांडाहेड़ी, कंवारी व नलवा तथा 31 मार्च को सातरोड़ कलां, हरिता, भैरी, डाया व चारनौंद गांव के किसानों की सरसों खरीदी जाएगी। उन्होंने बताया कि 2 अप्रैल को हिसार, गंगवा, तलवंडी राणा, नियाणा, मिर्जापुर, धांसू, खरकड़ी व बरवाला, 3 अप्रैल को खोखा, मैयड़, खातरोड़ खुर्द, सातरोड़ खास, दाहिमा दड़ौली, 4 अप्रैल को चौधरीवास, गावड़, गोरछी, पनिहार चक, आर्यनगर, 5 अप्रैल को हसनगढ़, खरकड़ा, नया गांव, सरसोद, बिछपड़ी, जेवरा, चमारखेड़ा, 6 अप्रैल को चिकनवास, दुर्जनपुर, जगान, कल्लर भैणी, लितानी, लाडवा, 7 अप्रैल को भैणी बादशाहपुर, बहबलपुर, जुगलान, सुलखनी, मोडाखेड़ा, सदलपुर, 9 अप्रैल को बीड़ ढंढूर, पीरावाली, किरतान, मिगनीखेड़ा, खारिया, सुंडावास, सलेमगढ़, डोभी तथा 10 अप्रैल को धीरणवास, रावलवास कलां, भिवानी रोहिल्ला, सीसवाला व सीसवाल गांव के किसानों की सरसों की फसल खरीदी जाएगी। उन्होंने बताया कि 11 अप्रैल को बासड़ा, बालसमंद, न्योलीकलां, न्योली खुर्द, सरसाना, 12 अप्रैल को बधावड़, मोहब्बतपुर, काजलां, खेड़ी बर्की व खानपुर, 13 अप्रैल को ढांड, इस्सरहेड़ी, 16 अप्रैल को काजलां, चानौत, घिराय, सिंधड़, खेदड़ व सारंगपुर, 17 अप्रैल को जाखोद खेड़ा, मल्लापुर, इच्छाखेड़ी, मात्रश्याम, 18 अप्रैल को अग्रोहा, मीरपुर, साबरवास, कुलेरी, श्यामसुख, नंगथला, 19 अप्रैल को सुल्तानपुर, धमाना, उकलाना, भेरी अकबरपुर, साहू, पाबड़ा, दौलतपुर तथा 20 अप्रैल को रायपुर, खरड़, अलीपुर, भगाना, डाबड़ा, गुंजार व भोजराज के किसानों की सरसों खरीदी जाएगी।
इसी प्रकार 21 अप्रैल को बाडो पट्टी, बुगाना, धिकताना, बहबलपुर, 23 अप्रैल को सुरेवाला, बिठमड़ा, पंघाल, बालक व राजली, 24 अप्रैल को किरमारा, सिवानी बोलान, बगला, संदलाना, 25 अप्रैल को मतलोड़ा, सरहेड़ा, खरक पूनिया, घुड़साल, तलवंडी, कुतियावाली, 26 अप्रैल को रावतखेड़ा, चिड़ौद, बाड्या ब्राह्माणान, जाटान, बाड्या रागड़ान, 27 अप्रैल को कुंभा, ज्ञानपुरा, सिंडोल, किरोड़ी, किराड़ा, लांधड़ी, माजरा, 28 अप्रैल को खासा महाजन, गैबीपुर व बोबुआ और 30 अप्रैल को फ्रांसी, ठसका, कालीरावन, खैरमपुर व काबरेल के किसानों की सरसों की खरीद की जाएगी। उन्होंने बताया कि 1 मई को चौधरीवाली, बुड़ाक, बांडाहेड़ी, 2 मई को असरावां, दड़ौली, चुली बागडिय़ान, चुली कलां, चुली खुर्द, 3 मई को मुकलान, कालवास, सिंघराण, भोडिय़ा बिश्नोइयान, 4 मई को खारा बरवाला, कोहली, महलसरा, 5 मई को स्याहड़वा, तलवंडी बादशाहपुर, 7 मई को मोठसरा, लाडवी, आदमपुर, 8 मई को ढाणी खान बहादुर, ढाणी गारण, 9 मई को बुढ़ाखेड़ा, प्रभुवाला तथा 10 मई को बनभौरी, कनोह व कापड़ो के किसानों की सरसों फसल खरीदी जाएगी।