परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—355 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—355Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 13, 2024November 13, 20240
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 354 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 12, 2024
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 353 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 11, 2024November 11, 2024
परमहस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—352 धर्मपरमहस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—352Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 10, 2024
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से — 351 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से...Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 9, 2024
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से -83Jeewan Aadhar Editor DeskDecember 19, 2017February 10, 2024 December 19, 2017February 10, 2024 विनाशकाले विपरीत बुद्धि: के अनुसार यदुवंशियों को कुछ समझ में नहीं आया। एक बार सन्तों का आगमन हुआ। आदर सत्कार करना तो दूर,शराब के नशे...
धर्मसत्यार्थप्रकाश के अंश—20Jeewan Aadhar Editor DeskDecember 18, 2017 December 18, 2017 राजा और राज्यसभा के सभासद् तब हो सकते हैं कि जब वे चारों वेदों की कर्मापासना ज्ञान विद्याओं के जाननेवालों से तीनों विद्या सनातम दण्डनीति...
धर्मओशो : सारे उपद्रव ठहर जाते हैJeewan Aadhar Editor DeskDecember 18, 2017 December 18, 2017 समेर का वृक्ष न देखा। समेर का फूल है संसार। उड़ जाती है कभी भी रूई। ऐसा ही संसार बिखर जाता है। हम बना भी...
धर्मस्वामी राजदास : शत्रु पर विश्वास मत करोJeewan Aadhar Editor DeskDecember 18, 2017 December 18, 2017 आचार्य चाणक्य ने कहा है कि समाज में रहते हुए व्यक्ति के कई मित्र होते है तो कई शत्रु भी होते है। जो व्यक्ति स्वयं...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—82Jeewan Aadhar Editor DeskDecember 18, 2017February 9, 2024 December 18, 2017February 9, 2024 लक्ष्मी को पाकर उसका सदुपयोग करना सबके वश की बात नहीं है। माया के साथ अनेक प्रकार की बुराईयाँ इन्सान में पनप जाती है। ऐश्वर्य,सम्पति...
धर्मसत्यार्थ प्रकाश के अंश—19Jeewan Aadhar Editor DeskDecember 17, 2017 December 17, 2017 सब सेना और सेनापतियों के ऊपर राज्याधिकार,दण्ड देने की व्यवस्था के सब कार्यो का आधिपत्य और सब के ऊपर वर्तमान सर्वाधीश राज्यधिकार इन चारों अधिकारों...
धर्मओशो : झुकने की कलाJeewan Aadhar Editor DeskDecember 17, 2017 December 17, 2017 जिसकी गली में ,जिस के आसपास,जिसके सान्निध्य में,स्वर्ग की तुम्हें पहली दफा थोड़ी-सी झलक मिले, एक क्षण को सही,एक क्षण को पर्दा हटे-वही सदगुरू। जिसके...
धर्मस्वामी राजदास : अध्यात्म की कुंजीJeewan Aadhar Editor DeskDecember 17, 2017 December 17, 2017 हमारे धर्म ग्रंथों में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष पाने के लिए काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार-इन पांच विकारों के त्याग को बहुत महत्व...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—81Jeewan Aadhar Editor DeskDecember 17, 2017February 8, 2024 December 17, 2017February 8, 2024 जवानी में तुलसीदासजी अपनी पत्नी पर बड़े आसक्त थे। एक बार उनकी पत्नी अपने मायके गई तो उनसे उनका वियोग सहा नहीं गया, विरह से...
धर्मसत्यार्थ प्रकाश के अंश—18Jeewan Aadhar Editor DeskDecember 16, 2017 December 16, 2017 जो दण्ड है वही पुरूष राजा,वही न्याय का प्रचारकत्र्ता और सब का शासनकत्र्ता,वही चार वर्ण और आश्रमों के धर्म का प्रतिभू अर्थात् जामिन है। वही...