धर्म

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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—94

Jeewan Aadhar Editor Desk
परब्रह्म परमात्मा के सिवाय किसी अन्य को नहीं मानता उसको अनन्य भक्त कहते हैं गीता में इसे अनन्य भक्ति के नाम से भी पुकारा है...
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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—93

Jeewan Aadhar Editor Desk
आत्मदेव ब्रह्मण हर तरह से सुखी था,परन्तु उसके कोई सन्तान नहीं थी। इस दु:ख से दु:खी होकर सोचने लगा कि ऐसे जीने से तो मृत्यु...