चंडीगढ़
सेना में जाना हरियाणा के ग्रामीण आंचल के युवाओं का एक बड़ा सपना होता है। इस सपने को पूरा करने के लिए ये युवा कुछ भी करने को तैयार रहते है। इसी जनून के चलते कैथल के रहने वाले एक युवक ने सिख बनने तक से परहेज नहीं किया। इस युवक ने पिछले साल फरवरी में भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट जॉइन करने के लिए सभी टेस्ट पास तो कर लिए, परंतु ट्रेनिंग सेंटर के इंस्ट्रक्टरों को दाल में कुछ काला होने का एहसास हुआ। न केवल उसका हिंदू नाम था, बल्कि वह पंजाबी की कुछ लाइन भी नहीं बोल पा रहा था। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने आर्मी में भर्ती के लिए खुद को सिख दिखाने के लिए दस्तावेजों को तैयार किया।
ये कोई अकेला मामला नहीं है पिछले 2 सालों में हरियाणा के युवकों के खिलाफ इस प्रकार आर्मी की सिख रेजिमेंट जॉइन करने के लिए खुद को जट सिख दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने के 51 FIR दर्ज हुए है। यह हरियाणा के युवकों का सेना के प्रति जनून और उत्साह है कि वे सेना में जाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते है।
चौकान्ने वाली बात तो ये है कि अधिकतर मामलों में इस प्रकार की जालसाजी करने वाले युवक सेना के लिए सलेक्ट तो हो जाते हैं, लेकिन सिख रेजिमेंट सेंटर में ट्रेनिंग के दौरान पकड़े जाते हैं। ऐसे मामलों में कुछ तो दस्तावेजों में अपनी जाति प्रमाण पत्र में नाम के आगे सिख जोड़ लेते हैं। कई मामलों में तो हरियाणा के युवक गुरुद्वारे में अमृत लेकर बकायदा सिख धर्म अपनाने का रिवाज भी पूरा करते हैं। लेकिन सेना के प्रति यह जनून हरियाणा के युवाओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज होने का भी बड़ा कारण बनता जा रहा है।
ध्यान रहे कि हरियाणा से औसतन हर साल 6 हजार युवक सेना में भर्ती होते है।
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