हरियाणा हिसार

हरियाणा सरकार को सात मलंगों से जोड़ा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने

बरवाला
प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री कौन है? ये सवाल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बरवाला गांव के राजली गांव में जनसभा को संबोधित करते हुए पूछा। सवाल के साथ ही उन्होंने इससे जुड़ा किस्सा भी सुना दिया। पूर्व सीएम ने ​बताया कि पिछले दिनों विधानसभा में उन्होंने एक सवाल पूछा था। प्रोटोकॉल के हिसाब से इसका जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री उठे, लेकिन उसके बाद रामबिलास शर्मा उठ खड़े हुए। इसी बीच कैप्टन अभिमन्यु भी बीच में ही बोल पड़े, वहीं धनखड़ व विज भी कहां पीछे रहने वाले थे। हमें तो पता ही नहीं चला कि इस सरकार को चला कौन रहा है। एक किस्से को सुनाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि सात कंवारों के घर के लिए कोई रिश्ता लेकर गया तो पड़ोसी से पूछा कि घर का माहौल क्या है। पड़ोसी ने कहा कि पता नहीं इस घर में सात मलंग तो रहते हैं, इनमें से एक का नाम बाबू है, लेकिन यह पता नहीं कि बाबू कौन है। यही हाल मौजूदा बीजेपी सरकार का है।
हुड्डा ने कहा पिछले ढाई साल की भाजपा सरकार ने केवल अपने राजनीतिक विरोधियों से बदला व कर्मचारियों व अधिकारियों की बदली के सिवाए कोई काम नहीं किया है। अब इस बदला व बदली की सरकार को बदलने का वक्त आ गया है। सत्ता परिवर्तन रैली में उमड़ी भीड़ ने इस बात पर अपनी मोहर लगा दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी ने 154 वादों के साथ सत्ता संभाली थी, लेकिन पिछले तीन साल की केंद्र व ढाई साल की राज्य सरकार ने अपने किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की बात हो या कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर सुविधांए देने का वादा हो, सरकार किसी भी वादे को पूरा करने में पूरी तरह से नाकाम रही। किसान आज बर्बादी की कगार पर खड़ा है। आज जीरी के भाव तो पिटे हुए हैं, लेकिन चावल के ऊंचे दाम है। किसानों को कपास के भाव नहीं मिल रहे, लेकिन कपड़ा महंगा है। पापुलर की खेती तो पिटी हुई है, लेकिन प्लाईवुड के भाव आसमान पर है। सरकार ने युवाओं के साथ भी वादाखिलाफी है। युवाओं को न तो रोजगार मिला और न ही नौ हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता। प्रदेश में कानून व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमराई हुई है। महिलाओं के साथ गैंगरेप जैसे अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार आंखें मूंद कर बैठी है। हुड्डा ने कहा कि सरकार नीतियों से चलती है, लेकिन इस सरकार के पास न तो नीति है और ही नियत। व्यापारी वर्ग मुनाफा तो दूर की बात अपनी पूंजी खा रहे हैं। कर्मचारी वर्ग सडक़ों पर है। पिछले ढाई साल में कोई एक भी नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि आप लोगों ने पूर्व की चौटाला सरकार का कामकाज भी देख लिया और अब कांग्रेस के बाद बीजेपी सरकार का कामकाज भी आप लोगों के सामने है। अब यह आप लोगों को तोलना है कि आपको किसका काम पसंद आया। आप लोगों का साथ मिला तो इस बदला व बदली की सरकार को झुकने को मजबूर कर देंगे। सरकार को या तो अपने वादे पूरे करने होंगे, या सत्ता छोडऩी होगी।

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