उत्तर प्रदेश देश

बेलगाम हुए अपराधी, पहले 44 दिन में 26 फीसदी बढ़ा जुर्म

नई दिल्ली
यूपी के गोंडा में रविवार को कानून-व्यवस्था की समीक्षा करने आए सीएम योगी आदित्यनाथ के जाने के महज दो घंटे के बाद ही शहर में पुलिस चौकी से 200 मीटर की दूरी पर दो लोगों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गया। इसमें एक शख्स की मौत हो गई। इतना ही नहीं कानपुर में थाने के गेट के सामने ही एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पिछले दो महीने में सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी अपराधी बेलगाम हो गए हैं। आलम ये हैं कि लोग पूछ रहे हैं कि सरकार कहां हो?

सूबे में नई सरकार बनते ही लोगों में नई उम्मीद जगी थी। शपथ लेने के साथ ही नए सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर देख कर लोगों को लगा था कि अब तो अपराधियों के दिन लद गए। खुद सीएम ने भी कहा था कि अपराधी राज्य को छोड़कर चले जाएं। अब यूपी में उनकी खैर नहीं है। सरकार बनते ही महिला सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉयड बनाई गई, तो लगा कि महिलाएं अब सुरक्षित रहेंगी, लेकिन रामपुर में हुई छेड़छाड़ की वारदात ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। लोगों को निराश कर दिया।

आंकड़ों की जुबानी, जुर्म की कहानी
खुद यूपी सरकार के आंकड़े बताते हैं कि नई सरकार के बनने के बाद महज डेढ़ महीने में पिछले 2 वर्षों की तुलना में जुर्म में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी लूट और रेप की घटनाओं में हुई है। ये आंकड़े 16 मार्च से 30 अप्रैल के बीच के हैं। इस पर गौर करें तो 2016 में डकैती की घटनाएं 27 थी, जबकि 2017 में 47 हो गई। 2016 में रेप के 440 केस दर्ज हुए, तो 2017 में 603 केस दर्ज हुए हैं। कुल अपराध की बात करें तो 2016 में कुल 32954 केस दर्ज हुए, 2017 में 42444 केस सामने आए। महिलाओं से सरेआम हुई छेड़खानी जेवर-बुलंदशहर हाईवे पर हुए लूट, हत्या और कथित गैंगरेप का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि रामपुर में दो महिलाओं के साथ सरेआम हुए छेड़छाड़ का वीडियो वायरल होने के बाद सूबे में सनसनी मच गई है। वायरल वीडियो में साफ दिखा कि करीब 10-14 लड़के दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। एक महिला को गोद में उठाकर उसके कपड़े फाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उनका पीछा करते हुए मजाक उड़ा रहे हैं। पुलिस इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

सड़क से सदन तक सरकार को घेरा
यूपी में सपा सरकार के दौरान बिगड़ी कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाकर बीजेपी सरकार ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। बीजेपी के घोषणा पत्र में भी कानून-व्यवस्था को लेकर कई वादे किए गए थे। सरकार बनने के बाद सरकार एक्शन में भी आई। मनचलों का धड़पकड़ होने लगा। कई कुख्यात अपराधियों को दूसरे जेल में ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात है। सत्ता पक्ष विपक्ष पर कानून व्यवस्था जानबूझकर खराब करने का आरोप लगा रहा है, तो विपक्ष सड़क से सदन तक सरकार को घेर रहा है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk