लखनऊ
अयोध्या में विवादास्पद बाबरी ढांचा गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी आरोपियों को मंगलवार को जमानत मिल गई। विशेष सीबीआई अदालत में सभी आरोपियों को 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। आरोपियों ने डिस्चार्ज ऐप्लिकेशन देकर अपने खिलाफ चार्ज खारिज करने की मांग की है। कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। कुछ देर में ऑर्डर आ जाएगा। अगर मांग खारिज हो जाती है तो इनके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे और साजिश से जुड़ी धारा भी जोड़ी जाएगी।
इससे पहले, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस जाकर अाडवाणी और अन्य बीजेपी नेताओं से मुलाकात की। योगी ने यह मुलाकात ऐसे वक्त में की है, जब वह एक दिन बाद ही वह अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करेंगे। दशकों बाद ऐसा करने वाले वह पहले सीएम होंगे। माना जा रहा है कि योगी आने वाले वक्त में अयोध्या से चुनाव भी लड़ सकते हैं। वहीं, डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी बीजेपी नेताओं से मिलने के लिए गेस्ट हाउस पहुंचे। कोर्ट की कार्रवाई 11 बजे शुरू होने वाली थी, लेकिन इसमें देरी हो गई। कोर्ट परिसर में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे। संबंधित पक्षों को छोड़कर किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी। मीडियावालों को भी कोर्ट परिसर से बाहर से ही रिर्पोटिंग की इजाजत थी। हालांकि, केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कोर्ट के फैसले के पहले एक बार दोहराया कि यह साजिश नहीं, आंदोलन था। वहीं, रामविलास वेदांती ने माना कि उन्होंने ही विवादित ढांचा गिराया है और उन्हें इस बात का कोई गिला नहीं है। वेदांती ने दावा किया कि पूरा देश राम मंदिर निर्माण चाहता है।