मुंबई,
निर्देशक सुनील सिंह ने कहा, “मैंने एक प्रेम कहानी के चश्मे से बाबरी मस्जिद विवाद की वास्तविक कहानी बताने की कोशिश की है और साथ ही यह भी दिखाने का प्रयास किया है कि कैसे एक पत्रकार ने उनकी मदद की। सेंसर बोर्ड ने पहले ‘गेम ऑफ अयोध्या’ पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अंतत: फिल्म प्रमाणन अपीलीय अधिकरण (एफसीएटी) ने इसे मंजूरी दे दी।’
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उन्होंने कहा, “देरी के कारण हमें नुकसान हुआ, लेकिन हमने पुरानी सभी बातें पीछे छोड़ दी हैं और हम 24 नवंबर को दुनियाभर में फिल्म रिलीज करने के लिए तैयार हैं। हमें लग रहा है कि हमारा प्रयास सफल हो गया है। हम इसमें कई अज्ञात तथ्य दिखाएंगे।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘एफसीएटी की पीठ ने बाद में सीबीएफसी को हमारी फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट देने के निर्देश दिए।”
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सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने फिल्म को इस आधार पर स्वीकृति देने से मना कर दिया था क्योंकि ‘मंदिर-मस्जिद विवाद का विषय पहले से ही गरमाया हुआ मुद्दा है, जिसके चलते इससे सांप्रदायिक भावनाएं भड़कने की आशंका थी।’ बता दें, बाबरी मस्जिद मामले को देखते हुए सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म की रिलीज को कुछ दिनों को लिए टाल दिया था लेकिन अब सीबीएफसी को इस फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट देने के लिए कह दिया गया है।
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