राजस्थान

चलती बस में लगी आग, हादसे में मां—बेटी की दर्दनाक मौत

बालोतरा (बाड़मेर)
बाड़मेर के बालोतरा में रविवार को चलती बस में आग लग गई जिससे एक महिला और उसकी बेटी की जिंदा जलने से दर्दनाक मौत हो गई। आग का काफी देर में पता चला, हालांकि ड्राइवर ने बस रोककर बाकी यात्रियों को बाहर निकाल लिया। आग से बस जलकर खाक हो गई।
ये था हादसा
जानकारी के मुताबिक, बाड़मेर डिपो की स्लीपर बस जयपुर से बाड़मेर जा रही थी। बस में 10 यात्री सवार थे। बस बालोतरा में रुकी थी। बालोतरा से बस बाड़मेर की ओर रवाना हुई। बालोतरा-बागुंडी हाइवे पर खेड़ के पास बस में आग लग गई। बताया जा रहा है कि बस में आग काफी देर से लगी थी। हादसे के समय यात्री सो रहे थे। आग से बस में धुआं भर गया। जब यात्रियों की आंख खुली तब तक काफी देर हो चुकी थी। आग का पता चलते ही ड्राइवर ने बस रोक दी। यात्री भागकर बस से उतर गए, लेकिन एक महिला और उसकी बेटी बस में ही फंस गए। तब तक आग बस के भीतर पहुंच गई थी और धुएं से दोनों बेहोश हो गई। इसके चलते वे दोनों बाहर नहीं निकल सकी और देखते ही देखते जलकर राख हो गई।
मामले की जानकारी ड्राइवर व यात्रियों ने पुलिस को सूचना दी। वहां से गुजरने वाले वाहन चालक भी रुक गए। दोनों तरह लंबा जाम लग गया। पुलिस की सूचना पर थोड़ी ही देर में दो दमकल वहां पहुंच गईं। हालांकि आग विकराल रूप धारण कर चुकी थी इसलिए एक और दमकल को बुलाया गया। तीन दमकलों ने दो घंटे में आग पर काबू पाया। तब तक बस पूरी जल चुकी थी।

दो जिंदा जले
हादसे में एक महिला और बच्ची जिंदा जल गए। पुलिस ने शवों को बस से निकाला। दोनों के शव बुरी तरह जल गए। शवों को मोर्चरी में भिजवाया गया। हादसे में रेखा पत्नी अजीत सिंह व कविया पुत्री अजीत सिंह की मौत हो गई। ये नागौर जिले के रावतखेड़ा की रहने वाली थी।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग
पुलिस के अनुसार शुरूआती जांच से लगता है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी। नींद में होने के कारण यात्रियों का इसका ठीक समय पर पता नहीं चल पाया। इसके चलते मां—बेटी की दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने क्रेन से बस को सड़क से हटवाया तथा जाम खुलवाया।
जीवन आधार बिजनेस सुपर धमाका…बिना लागत के 15 लाख 82 हजार रुपए का बिजनेस करने का मौका….जानने के लिए यहां क्लिक करे

Related posts

स्कूल बस और निजी बस में टक्कर, 25 बच्चे घायल

मंदिर में आए सवा करोड़ रुपए नंबरी स्ट्टे में हार गया कैशियर—जानें विस्तृत जानकारी

बच्चों में धर्म, संस्कार व नैतिक शिक्षा जैसे संस्कार होने जरूरी : आचार्य सच्चिदानंद

Jeewan Aadhar Editor Desk