हिसार,
धान के अवशेषों में आग लगाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा गठित टीमों ने विशेष अभियान चलाते हुए जिला में पराली को आग लगाने वाले 72 किसानों को पकड़कर उनसे 1 लाख 85 हजार रुपये वसूल किए हैं। धरपकड़ अभियान के साथ ही कृषि विभाग की वैन द्वारा जिला में विभिन्न स्थानों पर घूम-घूमकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
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उपायुक्त निखिल गजराज ने बताया कि प्रशासन द्वारा गठित टीमों द्वारा विभिन्न स्थानों पर धरपकड़ अभियान चलाने तथा जुर्माना लगाने से पराली में आग लगाने की घटनाओं में कमी देखी जा रही है लेकिन फिर भी अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि अब तक पराली जलाने वाले 72 किसानों से 1 लाख 85 हजार रुपये जुर्माना वसूल किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि पराली प्रबंधन हेतु कृषि विभाग द्वारा किसानों को 215 जीरो टिलेज मशीनें, एक स्ट्रा चोपर, 180 स्ट्रा रीपर तथा 7 हैपी सीडर अनुदान पर वितरित किए गए हैं। अब तक हैपी सीडर से 150 एकड़, स्ट्रा चोपर से 50 एकड़ तथा जीरो टिलेज मशीन से 480 एकड़ में प्रदर्शन (डेमो) आयोजित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग की वैन नियमित रूप से गांव-गांव जाकर किसानों को पराली प्रबंधन के बारे में जागरूक कर रही है।
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कृषि उप निदेशक डॉ. विनोद फोगाट ने बताया कि कुछ बड़े किसानों को छोड़कर जिला के अधिकतर किसान अपने धान की फसल झाड़कर ही निकालते हैं। धान की कई किस्मों को हाथ से झाड़कर निकालने पर उनके 200 रुपये प्रति क्विंटल अधिक भाव मिलते हैं तथा उनकी पराली भी बिक जाती है जिससे किसानों को दोहरा लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि कृषि व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ऐसे किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है जो अपने खेतों में धान के बचे हुए अवशेषों को आग के हवाले करते हैं।
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