गुरुग्राम हरियाणा

प्रद्युम्न मर्डर केस: हरियाणा पुलिस के अफसरों पर गिर सकती है गाज

गुरुग्राम,
भोंडसी स्थित रायन इंटरनैशनल स्कूल में मासूम प्रद्युम्न की हत्या केस में गुड़गांव पुलिस के आला अफसरों को अब जवाब देना होगा। यदि सीबीआई की जांच सही दिशा में है तो बड़ा सवाल है कि पुलिस ने आखिर यह कहानी क्यों रची? जल्दबाजी में कंडक्टर को क्यों अरेस्ट कर आरोपी बनाया गया? वहीं, सीबीआई की जांच से भी पुलिस पड़ताल पर कई सवालिया निशान लगे हैं। बताया जा रहा है कि सीबीआई जांच से जुड़े अफसरों पर कार्रवाई के लिए सूबे के डीजीपी को लेटर लिख सकती है। बीजेपी के विधायक उमेश अग्रवाल ने भी कहा कि यदि सीबीआई जांच सही तो केस की जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई हो। उधर, 22 नवंबर को कंडक्टर अशोक की कोर्ट में और आरोपी छात्र की जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेशी है।
आला अफसरों ने की थी पूछताछ
रायन इंटरनैशनल स्कूल में मासूम छात्र प्रद्युम्न की हत्या के बाद पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार किया था। उससे एसआईटी के अलावा डीसीपी साउथ अशोक बख्शी, डीसीपी सुमित कुहाड़, एसीपी सोहना बर्हेम सिंह के अलावा सोहना क्राइम ब्रांच में उस समय कार्यकारी पुलिस कमिश्नर रहे हनीफ कुरैशी ने कंडक्टर से पूछताछ की थी। इसके बाद उसे आरोपी बनाकर अगले दिन मीडिया के सामने पेश कर वाहवाही लूटी गई थी। हालांकि कंडक्टर के परिजन और खुद प्रद्युम्न के माता-पिता ने कहा था कि इस मर्डर के पीछे कोई और है। सबसे हैरानी की बात है कि सीबीआई ने जिस छात्र को आरोपी बनाया है, पुलिस उससे दो बार पूछताछ कर चुकी थी। मैजिस्ट्रेट के सामने उसके बयान करवाए गए थे। असली आरोपी को नहीं पकड़ने के लिए क्या कोई राजनीतिक दबाव था, या मामला कुछ और है। पुलिस चाकू कहां से लेकर आई। कंडक्टर के कपड़ों पर लगे ब्लड को ही सबूत क्यों मान लिया गया? पुलिस ने चाकू आगरा से खरीदने की बात क्यों कही जबकि कंडक्टर आगरा गया ही नहीं? सवाल यह भी है कि दिल्ली से सोहना कोर्ट में केस लड़ने के लिए आए वकीलों को स्थानीय वकीलों ने क्यों रोका?

22 को कोर्ट में होनी है सुनवाई
दूसरी ओर कंडक्टर के वकील मोहित वर्मा ने कहा कि 10 नवंबर को कोर्ट में डिस्चार्ज की अर्जी लगाने के बाद कंडक्टर के बाहर आने पर पुलिस के खिलाफ कोर्ट में जाएंगे। डिस्चार्ज की अर्जी पर सुनवाई 16 को है जबकि कंडक्टर की इस केस में पेशी 22 को है। 22 तक ही आरोपी स्टूडेंट को बाल सुधार गृह भेजा गया है।

सीबीआई भी कस सकती है शिकंजा

बताया जा रहा है कि सीबीआई डीजीपी को इस केस में जांच से जुड़े अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए लिख सकती है। रिमांड पर लेने के बाद सीबीआई का जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने दावा था कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं कि कंडक्टर बेकसूर क्यों है और स्टूडेंट आरोपी क्यों है। बता दें कि विधायक उमेश अग्रवाल ने भी कार्रवाई की मांग की।
जीवन आधार बिजनेस सुपर धमाका…बिना लागत के 15 लाख 82 हजार रुपए का बिजनेस करने का मौका….जानने के लिए यहां क्लिक करे

Related posts

आंगनवाड़ी केन्द्र रहे बंद, धरने व अनशन पर गरजीं महिलाएं

Jeewan Aadhar Editor Desk

आज 4 बजे घोषित होगा CBES का 10वीं क्लास का रिजल्ट, ऐसे करें चैक

मालकिन की अश्लील वी​डियो बना किया ब्लैकमेल, कई बार किया दुष्कर्म