नई दिल्ली,
लगभग 123 उच्च शिक्षण संस्थान जो अब तक विश्वविद्यालय कहलाए जा रहे थे, उन्हें अब अपने नाम के साथ ‘विश्वविद्यालय’ हटाना होगा। दरअसल जो उच्च शिक्षण संस्थान विश्वविद्यालय बनाए जाने के लिए प्रस्तावित हैं, उन्हें अपने नाम के आगे से ‘विश्वविद्यालय’ हटाना होगा। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) ने 10 नवंबर को एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें निर्देश दिया गया है कि ऐसे शिक्षण संस्थान एक महीने के अंदर अपने नाम से विश्वविद्यालय हटा लें।
इसके स्थान पर ये शिक्षण संस्थान ‘डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी’ का प्रयोग कर सकते हैं। इस सर्कुलर में 3 नवंबर को मिले सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी संगलग्न किया गया है। र्कुलर के अनुसार जो शिक्षण संस्थान इस निर्देश का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ यूजीसी (इंस्टिट्यूशन्स डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज) रेगुलेशन्स, 2016 के तहत कार्यवाई की जाएगी। जीवन आधार न्यूज पोर्टल को आवश्यकता है पत्रकारों की…यहां क्लिक करे और पूरी जानकारी ले..
इन संस्थानों को भेजा गया है नोटिस
दिल्ली स्थित इंडियन ऐग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (पूसा), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरन ट्रेड, इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर ऐंड बिलियरी साइंस, जामिया हमदर्द, नैशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल, फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, देहरादून, बीआईटी मेसरा, रांची, क्राइस्ट युनीवर्सिटी, बेंगलुरु, सिंबायसिस युनीवर्सिटी, पुणे, BITS पिलानी समेत कई अन्य शिक्षण संस्थानों को यह निर्देश भेजा गया है।
इसके जवाब में सर्कुलर भेजे गए कई संस्थानों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि वे पहले से ही ‘डीम्स टू बी यूनिवर्सिटी’ का प्रयोग कर रहे थे।
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