हरियाणा

सीएम मनोहर लाल ने कहा— सेंसर क्लियरेंस के बाद लेंगे पद्मावती पर बैन का फैसला

चंड़ीगढ़,
फिल्म पद्मावती को हरियाणा में भी फिल्म को बैन करने की मांग हुई है। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट की बैठक में दो मंत्रियों ने सरकार से इस तरह की मांग की है, हालांकि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने मंत्रियों की मांग पर पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा, सेंसर से क्लियरेंस से पहले किसी फिल्म को इस तरह बैन करना ठीक नहीं होगा। जीवन आधार नवंबर माह प्रतियोगिता.. प्ले ग्रुप से दसवीं तक विद्यार्थी और स्कूल दोनों जीतेंगे सैंकड़ों उपहार.. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे
खट्टर ने और क्या कहा
बुधवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में खट्टर ने कहा, ‘पद्मावती को लेकर हम सेंसर बोर्ड के क्लियरेंस के बाद ही कोई फैसला लेंगे, लेकिन फिल्म के नाम पर जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं है। किसी को भी ऐसा करने का हक़ नहीं है।’ खट्टर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि सेंसर क्लियरेंस से पहले किसी फिल्म को बैन करना ठीक नहीं है।’ दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली का सिर काटने पर 10 करोड़ इनाम देने वाले बीजेपी नेता के बयान को खट्टर ने निजी राय बताया। उन्होंने कहा, ‘ये उनकी निजी राय है। सरकार का इससे कोई मतलब नहीं है। हम उन्हें बयान के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे।’ नौकरी करना चाहते है, तो यहां क्लिक करे।
बीजेपी नेता ने दी थी सिनेमाघर जलाने की धमकी


इससे पहले मंगलवार को मंगलवार को बीजेपी सूरजपाल अमू ने धमकी भरे लहजे में कहा था कि देश का राजपूत समाज एक-स्क्रीन जलाने की ताकत रखता है। इन्होंने पहले भी पद्मावती के निर्देशक संजय लीला भंसाली और पद्मावती का रोल करने वाली दीपिका पादुकोण का सिर काटने के बदले 10 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा की थी। अमू ने कहा था,’अगर ये फिल्म रिलीज हुई तो हम सिनेमाघरों में स्वच्छता अभियान चलाएंगे। विवादित फिल्म को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए।’ अमू हरियाणा बीजेपी के चीफ मीडिया को-ऑर्डिनेटर हैं।
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