हिसार,
प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने नई पहल करते हुए हरपथ हरियाणा मोबाइल एप लांच किया है। अब आम आदमी को टूटी सड़कों की शिकायत के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, बल्कि मोबाइल से टूटी सड़क की फोटो लेकर उसे एप पर डालना होगा। इतना करने मात्र से फोटो उस विभाग के अफसर के पास पहुंच जाएगी जिसके पास उस सड़क की जिम्मेदारी है। इस एप के माध्यम से प्रदेश के 4 विभागों की 1.5 लाख सड़कों को जोड़ा गया है। हिसार में अब तक 5000 व्यक्ति इस एप को अपने मोबाइल में डाउनलोड कर चुके हैं। एप के माध्यम से 268 लोगों ने टूटी सड़कों की शिकायत की है जिनमें से संबंधित विभागों द्वारा 168 शिकायतों का समाधान करवाया जा चुका है।
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उपायुक्त निखिल गजराज ने बताया कि इस एप को गूगल के प्ले स्टोर से निशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। इस एप की खास बात यह है कि इसमें प्रदेश की सभी सड़कों की जियो टैगिंग की गई है। एप को डाउनलोड करने के बाद जब मोबाइल यूजर टूटी सड़क का फोटो करके इस एप पर डाउनलोड करेगा तो उसकी लोकेशन अपने आप संबंधित विभाग के अधिकारी के पास पहुंच जाएगी जिससे उसे पता चल जाएगा कि यह सड़क किस क्षेत्र में है। प्रदेश सरकार द्वारा इस एप को भारत आधारित जीआईएस प्रणाली भुवन का प्रयोग करते हुए इसरो के सहयोग से लॉन्च किया गया है।
जब कोई व्यक्ति एप पर अपना रजिस्ट्रेशन करके किसी टूटी सड़क की शिकायत करना चाहता है तो एप में कंप्लेंट का ऑप्शन दिखाई देगा। कंप्लेंट ऑप्शन में जाकर व्यक्ति को सड़कों के जाल का एक चित्र दिखाई देगा जिस पर सुईनुमा निशान लगा होगा। इस निशान को मूव करने पर सड़कों के नाम व उनकी लोकेशन भी दिखाई देगी। सड़कों के जाल को सैटेलाइट मैप पर भी देखा जा सकता है। इसका विकल्प भी मैप के साथ ही दिया गया है। इस सुईनुमा निशान को क्षतिग्रस्त सड़क के नाम पर ले जाने पर मैप के नीचे सड़क की लोकेशन लिखी आती है।
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लोकेशन के नीचे एक अन्य विकल्प रोड प्रोब्लम टाइप लिखा आता है जिसको सिलेक्ट करने पर सड़क की स्थिति बताने संबंधी तीन विकल्प आते हैं, जिसमें से पहला डैमेज्ड रोड, दूसरा एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉट तथा तीसरा अदर्स का होता है। इन तीनों में से एक सिलेक्ट करने के बाद एक विकल्प रिमाक्र्स का होता है जिसमें शिकायतकर्ता टिप्पणी लिख सकता है। अंतिम विकल्प फोटो अपलोड का होता है जिस पर जाकर व्यक्ति क्षतिग्रस्त सड़क की फोटो खींचकर अपलोड करेगा। शिकायत अपलोड होने के बाद इसकी सूचना संबंधित विभाग के अधिकारी व इंजीनियर के पास चली जाएगी। इसके बाद संबंधित विभाग की जिम्मेदारी होगी कि वह सड़क को ठीक करवाएगा।
इसके साथ ही यूजर अपनी शिकायत का स्टेटस भी मोबाइल एप में देख सकता है। शिकायत का समाधान होने के उपरांत उसके स्टेट्स में इसकी सूचना यूजर को दी जाती है। इस एप के माध्यम से मिलने वाली शिकायत के समाधान के लिए सरकार ने 15 दिन का समय निर्धारित किया है। निर्धारित समयावधि में कार्रवाई न करने पर जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी से जवाब तलब किया जाएगा। लापरवाही की स्थिति में उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। जीवन आधार न्यूज पोर्टल के पत्रकार बनो और आकर्षक वेतन व अन्य सुविधा के हकदार बनो..ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
उपायुक्त ने बताया कि इस एप को डाउनलोड करने के दो फायदे हैं। एक तो इससे सभी सड़कों की आसानी से मॉनिटरिंग की जा सकती है तथा दूसरे आमजन की जागरूकता व सूचना के आधार पर सड़कों की दशा भी सुधर रही है। आम आदमी की शिकायत पर सड़कों का सुधार होने से टूटी सड़क से उनको होने वाली परेशानियों का भी अंत हो रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार सड़क सुरक्षा के प्रति काफी गंभीर है तथा सड़कों की हालत ठीक होने से सड़क दुर्घटनाएं भी धीरे-धीरे कम होती जाएंगी।
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