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केंद्र सरकार पैट्रोल—​डीजल को जीएसटी के अधीन ले—बजरंग दास गर्ग

नई दिल्ली,
अखिल भारतीय व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मण्डल के प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने कहा कि पूर्व केन्द्रीय वित्तमन्त्री पी.चिदम्बरम ने राज्य सभा में पैट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में ना लाने के पूछे सवाल पर वित्तमन्त्री अरूण जेटली का यह कहना कि सरकार पैट्रोल व डीजल को जीएसटी में लाने को तैयार है, उस पर जीएसटी परिषद में आम सहमति बनाना चाहती है, काफी असंगत है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने जब 1 जुलाई 2017 को देश में जीएसटी प्रणाली लागू करने से पहले पैट्रोल व डीजल को भी इसमें शामिल करने के लिए सहमति बनानी चाहिए थी, जो केन्द्र सरकार ने जानबुझकर नहीं बनाई। जबकि जिन वस्तुओं पर टैक्स कम था उसे जीएसटी के दायरे में लाकर बढ़ा दिया गया। पार्ट टाइम नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
बजरंग दास गर्ग ने कहा कि इतना ही नहीं जिन वस्तुओं पर वैट 5 व 12.5 प्रतिशत था, उन वस्तुओं को जीएसटी के तहत 28 व 18 प्रतिशत टैक्स लगा दिया गया। आम जनता के उपयोग में आने वाला पैट्रोल व डीजल जिस पर वैट व एक्साईज ड्यूटी दोनों मिलाकर लगभग 57 प्रतिशत टैक्स है—उसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखना न्याय संगत नहीं है। डीजल और पैट्रोल सभी वस्तुओं के भाव पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप सेे प्रभाव ड़ालता है। ऐसे में इसे सबसे पहले जीएसटी के अधीन लेना चाहिए था। जीवन आधार प्रतियोगिता में भाग ले और जीते नकद उपहार

आम उपयोग में आनी वाली वस्तुएं जिन पर 28 व 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है, उस सलैब को खत्म करके अधिकतम टैक्स 15 प्रतिशत किया जाए ताकि देश का किसान, मजदूर, कर्मचारी, व्यापारी व आम जनता नाजायज टैक्सों की मार से बच सके। टैक्स की दर कम होने से भ्रष्टाचार खत्म होगा और सरकार को पहले से ज्यादा राजस्व की प्राप्ति होगी।
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