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आज ही के दिन यानि 21 दिसंबर को 1898 में मैरी क्यूरी और उनके पति पियर ने रेडियम की खोज की। खनिज का अध्ययन करते हुए जब उन्होंने उससे यूरेनियम अलग कर दिया तो पाया कि बाकी बचे हिस्से में अभी भी कोई रेडियोधर्मी तत्व बाकी था। उन्होंने इस तत्व को रेडियम नाम दिया।
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1910 में क्यूरी और आंद्रे लुईस डेबिएर्न ने विद्युत अपघटन की प्रक्रिया द्वारा रेडियम को शुद्ध धातु के रूप में अलग किया। 4 फरवरी 1936 को अमेरिका में पहली बार कृत्रिम रेडियम बनाया गया, यह रेडियम ई कहलाया। यह प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से तैयार किया जाने वाला पहला रेडियोधर्मी तत्व था। जीवन आधार न्यूज पोर्टल के पत्रकार बनो और आकर्षक वेतन व अन्य सुविधा के हकदार बनो..ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
रेडियम की चमकीली प्रकृति के कारण इसका इस्तेमाल शुरू में पेंट, कपड़ों, घड़ी की सूइयों इत्यादि में हुआ। इसके अलावा कई चिकित्सीय कारणों से उसका इस्तेमाल दंतमंजन, बालों की क्रीम और कई दूसरी दवाइयों के अलावा कैंसर के इलाज के लिए भी हुआ। लेकिन 1940 तक आते—आते इसकी रेडियोधर्मी प्रवृत्ति की वजह से विकिरण के नुकसान सामने आए और इसके पेंट, कपड़ों या दवाइयों इत्यादि में इस्तेमाल पर कई देशों में पाबंदी लगा दी गई।
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