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हिमाचल: कल विधायक दल की बैठक में होगा मुख्यमंत्री का ऐलान

नई दिल्ली,
हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम पर आज मुहर लग सकती है। शिमला में बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक शुरू हो गई है। हिमाचल पार्टी प्रभारी मंगल पांडे भाजपा विधायक दल के साथ शिमला में बैठक कर रहे हैं। पार्टी पर्यवेक्षक निर्मला सीतारमण और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शिमला में हो रही इस बैठक में मौजूद हैं। बैठक के बाहर जयराम ठाकुर के समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं। वहीं धूमल के भी समर्थक जुटे हुए हैं। पर्यवेक्षक बनाई गईं रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन और नरेंद्र तोमर यहां सभी विधायकों से बात कर रहे हैं।
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हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अभी भी संशय बरकरार है। पार्टी की जीत के चार दिन बाद भी अभी तक मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नही बन पाई है। सूत्रों के अनुसार जेपी नड्डा और प्रेम कुमार धूमल, दोनों रेस से बाहर हैं और पार्टी ने हारे हुए नेता की बजाय किसी विधायक को ही सीएम बनाने का निर्णय लिया है।


जय राम पर राजी हुए धूमल!

जय राम ठाकुर बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से उनके समीरपुर स्थित आवास पर मिले और लगभग आधा घंटा उनसे मंत्रणा की। धूमल उनको छोड़ने गाड़ी तक आए और जय राम ठाकुर ने बाकायदा उनसे पैर छूकर आशीर्वाद लिया। समझा जा रहा है कि धूमल खेमे ने जय राम ठाकुर के नाम पर अपनी सहमति जता दी है।
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उधर धूमल खेमा अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी जोर-आजमाइश कर रहा है। हालांकि धूमल के ज्यादातर करीबी चुनाव हार गए हैं, फिर भी जीतकर आए कई विधायक उनके साथ हैं। कुटलैहड़ के विधायक वीरेंद्र कंवर और पौंटा के विधायक सुखराम ने उनके लिए अपनी सीट खाली करने की घोषणा की है। लेकिन प्रेम कुमार धूमल विरोधी दो खेमे, जिनमें से एक का नेतृत्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और दूसरे का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार कर रहे हैं, धूमल खेमे के खिलाफ खड़े हो गए हैं।

मुख्यमंत्री पद की दौड़ में एक कुंवारा भी

बात अगर उत्तर प्रदेश और हरियाणा की करें तो भारतीय जनता पार्टी ने दो कुंवारों को मुख्यमंत्री बनाया है। हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा का एक कुंवारा नेता है, जिनका नाम अजय जम्वाल है। जोगिन्दरनगर के निवासी अजय जम्वाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के करीबी हैं और आरएसएस के कई ओहदों पर काम कर चुके हैं। फिलहाल वह नॉर्थ-ईस्ट क्षेत्रीय संगठन मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं। इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर, पंजाब में भी संगठन मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं।

कोई राजपूत ही बनेगा सीएम!

जातीय समीकरण की दृष्टि से देखें तो अब तक हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर मुख्यमंत्री राजपूत समुदाय से तालुक रखते हैं। हालांकि हिमाचल प्रदेश के आधे मतदाता जिन वर्गों दलित (26%), जनजाति (6%) और पिछड़े वर्ग (15%) के हैं, उनसे आज तक कोई भी मुख्यमंत्री नहीं बन पाया।

वैसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं और वह राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन उनका ब्राह्मण होना जातीय समीकरण में असंतुलन पैदा कर सकता है।
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हिमाचल प्रदेश में ब्राह्मणों समुदाय के मतदाता 20 फीसदी और राजपूत समुदाय के मतदाता 35 फीसदी हैं। जय राम ठाकुर और अजय जम्वाल दोनों राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी राजपूत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया है कि चाहे गुजरात हो या हिमाचल प्रदेश, मुख्यमंत्री की कमान एक युवा के हाथों में होगी। यानी साफ है कि भाजपा आलाकमान एक युवा चेहरे को मुख्यमंत्री का पद सौंपना चाहता है।
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