शिमला,
हिमाचल प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। पूर्ण बहुमत के साथ जीतकर आई बीजेपी सीएम पद को लेकर फंस गई है। पार्टी ने निर्मला सीतारमण और नरेंद्र तोमर को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था लेकिन वे भी यहां पर नेता का चुनाव नहीं कर पाए।
उनके सामने ही प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर के समर्थकों में जमकर नारेबाजी और शक्ति प्रदर्शन हुआ। चुनाव हार चुके प्रेम कुमार धूमल के 3 विधायकों ने अपनी सीट खाली करने का ऐलान करके बीजेपी को और अधिक सकते में ड़ाल दिया। नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
वहीं अब मामला दिल्ली पहुंच गया है। सूत्रों के अनुसार पार्टी आलाकमान ही मुख्यमंत्री का चुनाव करेगा। पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि मामला दिल्ली पहुंच जाने के कारण प्रेम कुमार धूमल के सीएम बनने के चांस कुछ हद तक कम हो गए है। इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात और हिमचल प्रदेश में युवा को मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा बताई जा रही।
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दूसरी तरफ चर्चाएं ये भी है कि प्रेम कुमार धूमल सीएम न बनाए जाने पर मान जायेंगे। वे ये सब बस इसलिए कर रहे कि ताकि वे अपने समर्थक विधायकों में से डिप्टी सीएम, गृहमंत्री, वित्तमंत्री जैसे दमदार विभाग दिलवा पाए। क्योंकि धूमिल को पता है कि चुनाव हार जाने के बाद उनकी दावेदारी ज्यादा मजबूत नहीं है। इतना ही नहीं कहा जा रहा है कि धूमल किसी तीसरे नाम की सिफारिश हाई्कमान से कर सकते है।
वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम शांता कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पर्यवेक्षक दिल्ली से आए हैं, मुख्यमंत्री के फैसले को जल्द ही लिया जाएगा। किसी एक नेता के पक्ष में नारेबाजी करना गलत है, अगर मैं पार्टी अध्यक्ष होता तो मैं ऐसे कार्यकर्ताओं को निष्कासित कर देता। मुझे यह पसंद नहीं है।
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