फतेहाबाद

शर्मनाक : शहर की सरकार को विकास कार्यों से है ‘परहेज’

फतेहबाद (साहिल रुखाया)
ये भी सिस्टम की अजीब विडम्बना है कि विकास कार्यों के लिए किसी के पास बजट नहीं है, लेकिन जिनके पास है वो खर्च नही कर पा रहा। हम बात कर रहे है हमेशा काम करनें में ढ़िला रहने वाला फतेहाबाद के नगर परिषद की। यहां अधिकारियों की लापरवाही से सरकार की तरफ से जारी हुआ करोड़ों रुपये का बजट दब कर रह गया है। नौकरी की तलाश है..तो जीवन आधार बिजनेस प्रबंध बने और 3300 रुपए से लेकर 70 हजार 900 रुपए मासिक की नौकरी पाए..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

शहर की सरकार आपसी लड़ाई तक सीमित रह गई है और वार्ड में जो विकास कार्य होने चाहिए थे, वह नहीं हो रहे हैं। दो साल में सरकार की तरफ से जारी हुआ करोड़ों रुपये के बजट में से 30 फीसदी राशि भी नगर परिषद खर्च नहीं कर पाई है। सबसे अहम बात यह है कि विकास कार्यों की रुपरेखा तैयार होने के लिए जो मीटिंग होनी थी, वह मीटिंग ही अब तक नहीं हुई है। नगर परिषद में पिछले 26 महीने में मात्र 7 मीटिंग हुई हैं। जबकि हर माह मीटिंग होनी चाहिए थी और विकास कार्यों की समीक्षा होनी चाहिए थी। आरटीआइ से मांगी गई जानकारी में इसका खुलास हुआ है कि नप व शहर की सरकार किस तरह से शहर का विकास करवा रही है। जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
नगर परिषद के अनुसार नवंबर 2015 से नवंबर 2017 तक सरकार की तरफ से 25 करोड़ 7 लाख रुपये अनुदान राशि प्राप्त हुई है। इस राशि में से नवंबर 2017 तक 7 करोड़ 5 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। यानि की नगर परिषद विकास कार्यों के लिए 30 फीसदी राशि भी खर्च नहीं कर पाया है। पत्रकारिकता के क्षेत्र में है तो जीवन आधार न्यूज पोर्टल के साथ जुड़े और 72 हजार रुपए से लेकर 3 लाख रुपए वार्षिक पैकेज के साथ अन्य बेहतरीन स्कीम का लाभ उठाए..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
ये स्थिती उस समय है जब शहर के लोग विकास कार्यों का इंतजार कर रहे है। शहर के पार्कों की हालत आज भी खस्ता पड़ी है। यहां तक कि पॉश एरिया मॉडल टाऊन में सड़कें टूटी पड़ी हैं। ग्रीन बेल्ट की हालत आज भी खराब पड़ी है। विभिन्न कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइट तक नहीं जल रही। बेसहारा पशु लोगों के लिए सिरदर्द बने हुए है। जगह—जगह कचरे के ढ़ेर लगे हुए है। समस्याएं पूरे शहर में सैंकड़ों है, लेकिन शहर की सरकार की काम न करने की नीयत के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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