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बिल नहीं चुकाने पर भी डेड बॉडी नहीं रोक पाएंगे अस्पताल

नई दिल्ली,
बिल पेडिंग होने के बावजूद अब अस्पतालों को डेड बॉडी परिजनों को सौंपनी होगी। अस्पताल बिल का बहाना बनाकर डेड बॉडी देने से इनकार नहीं कर पाएंगे। अस्पताल में मरीज की बीमारी से संबंधित इलाज की सुविधा नहीं होने की स्थिति में दूसरे अस्पताल रेफर करने पर अब उन्हें ऐंबुलेंस की सुविधा भी देनी होगी। कुछ ऐसी शर्तों के साथ नई गाइडलाइन्स तैयार की गई हैं, ताकि दिल्ली में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाई जा सके।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी एक ट्वीट को रीट्वीट किया, जिसमें नई गाइडलाइन्स के तहत अस्पतालों को बिल पेंडिंग के बाद भी बॉडी देनी होगी। गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में डेंगू के मरीज से 16 लाख के बिल लिए जाने के बाद हर तरफ प्राइवेट अस्पतालों की बिलिंग पर सवाल उठने लगे थे। इसे देखते हुए हुए दिल्ली सरकार ने 13 दिसंबर को नौ मेंबर्स की एक कमिटी बनाई थी। इस कमिटी में इंडियन मेडिकल असोसिएशन, दिल्ली मेडिकल काउंसिल सहित कई और स्टेकहोल्डर को शामिल किया गया था। इन सभी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर डीजीएचएस को सौंप दी है। अगले एक दो दिन में इस रिपोर्ट को सरकार जारी कर सकती है।
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गाइडलाइन तैयार करने में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि अब तक अस्पताल बिल नहीं देने पर डेड बॉडी देने से मना कर देते थे। लेकिन अब ऐसा वो नहीं कर पाएंगे। अब मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर करने पर ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा यानि एंबुलेंस भी देनी होगी। इसी तरह अगर किसी एडमिट मरीज के इलाज के लिए अस्पताल बाहर से कंसलटेंट बुलाते हैं तो अब उन्हें पहले मरीज को बताना होगा, उसकी सहमति लेनी होगी, कितना पैसा लगेगा यह भी बताना होगा। कमिटी ने कहा है कि अस्पतालों को कंज्यूबल आइटम्स में अपने प्रॉफिट को कम करना होगा। सूत्रों की मानें तो मार्जिन 20 से 25 पर्सेंट से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
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गाइडलाइन में कमिटी ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल के टेस्ट की कीमत काफी ज्यादा होती है, जबकि वही टेस्ट बाहर के लैब में काफी कम रेट पर उपलब्ध होता है। अस्पतालों को टेस्ट में भी मुनाफे को कम करने की बात कही है। अगर किसी मरीज का कोई डॉक्टर इलाज कर रहा है और इलाज के दौरान उसे कहीं बाहर जाना है तो इस बारे में डॉक्टर को मरीज को पहले ही बताना होगा। नौकरी की तलाश है..तो जीवन आधार बिजनेस प्रबंधक बने और 3300 रुपए से लेकर 70 हजार 900 रुपए मासिक की नौकरी पाए..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
साथ ही यह भी बताना होगा कि उसकी गैरहाजिरी में कौन सा डॉक्टर इलाज करेगा, किसकी ड्यूटी होगी। कमिटी की इस गाइडलाइन से प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी बिलिंग पर रोक लगने की उम्मीद है।
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