हिसार

बैंक खाते से ठग ने निकाल लिए 3 लाख 73 हजार 439 रुपए

हिसार (कुलश्रेष्ठ)
सेक्टर-16,17 निवासी राजीव सहरावत के परिवार और कंपनी के तीन खातों से नेट बैंकिंग के जरिए ठग ने 3 लाख 73 हजार 439 रुपए निकाल लिये और इस राशि को यूपी के बनारस व बधौई क्षेत्र के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। जब तक सहरावत ने एचडीएफसी बैंक के जरिए उन खातों को फ्रीज करवाया, तब तक आरोपी ने अधिकांश राशि उन खातों से निकाल ली थी। फिलहाल पुलिस को उन बैंक खातों की डिटेल मिल चुकी है, जिनमें राजीव सहरावत के एचडीएफसी बैंक में शामिल खातों से ठग ने पौने चार लाख रुपए निकालकर दूसरे बैंक खातों में डाल दिए। पुलिस अब इन खातों में लिखे पते के अनुसार मामले की जांच कर रही है। जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

दूसरी तरफ राजीव सहरावत का तर्क है कि ठगी करने वाले गैेंग अब बैंक प्रणाली की सिक्योरिटी में सेंध मार चुका है और बहुत ही आसानी से बैंक खातों में धोखाधड़ी कर रहे हैं और बैंक प्रबंधन इस ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दे रहा है।
राजीव सहरावत युवाओं को विभिन्न निजी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि उनका, उनकी पत्नी तथा उनकी कंपनी के खाते एचडीएफसी बैंक में हैं। उन्होंने कहा कि 12 जनवरी की शाम करीबन साढ़ेेे चार बजे उनके मोबाइल पर उनकी पत्नी और उनकी कंपनी के खाते से क्रमश: 12100 और 1 लाख 82 हजार 712 रुपए उनके खाते में डाले गए हैं। इसके तुरंत बाद 1 लाख 82 हजार 712 और 1 लाख 90 हजार 727 रुपए किसी दूसरे बैंक के खाते में धोखाधड़ी से डाल दिए गए। उन्हें पैसा निकलने का एसएमएस आए। उन्होंने तुंरत एचडीएफसी बैंक शाखा में संपर्क किया। उन्होंने बताया कि इसी बीच धोखाधड़ी से जिस खाते में उनके खाते से कुल 3 लाख 73 हजार 439 रुपए डाले गए थे, उस बैंक के खाते से 10 हजार और 1 लाख 90 हजार रुपए की राशि दूसरे बैंक के खाते में डाल दिए गए। ये दोनों खाते यूनियन बैंक और एक्सिस बैंक के थे और ये खाते उत्तर प्रदेश के बनारस व बधोई में हैं। उन्होंने तुरंत इन खातों को फ्रीज करवा दिया। नौकरी की तलाश है..तो जीवन आधार बिजनेस प्रबंधक बने और 3300 रुपए से लेकर 70 हजार 900 रुपए मासिक की नौकरी पाए..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
सहरावत ने बताया कि इसके पश्चात उन्होंने उनके खाते से हुई ठगी के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि उनके खाते के साथ लिंक ई-मेेल आईडी को ठग ने हैक कर लिया और राशि ट्रांसफर केे वक्त जो वन-टाईम-पासवर्ड जनरेट होता है, उसे ई-मेल पर ही ट्रांसफर कर दिया और नेट बैंकिंग के जरिए यह राशि निकाल ली।
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