हिसार

किसानों के नाम पर घडिय़ाली आंसू बहा रहे इनेलो व कांग्रेस के नेता : गोदारा

हिसार,
भाजपा आजाद नगर मंडल के अध्यक्ष अनिल गोदारा ने इनेलो व कांग्रेस के नेताओं पर किसानों को गुमराह करके किसानों के नाम पर घडिय़ाली आंसू बहाने का आरोप लगाया है। उन्होंने इन दोनों दलों को सलाह दी कि वे किसानों के धरने पर जाकर उनकी मांग का समर्थन करने से पहले अपने-अपने शासनकाल में किसानों के साथ किये गए अन्याय का पश्चाताप करते हुए माफी मांगे और बाद में किसानों की मांग का समर्थन करें।

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एक बयान में अनिल गोदारा ने कहा कि कांग्रेस व इनेलो के नेता लघु सचिवालय के समक्ष पानी की मांग पर धरने पर बैठे किसानों के बीच जाकर घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं। किसानों को इनके घडिय़ाली आंसुओं के बहकावे में आने की बजाय इनकी सच्चाई समझनी चाहिए और इन दलों के नेताओं से जवाब-तलबी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दो सप्ताह पानी देने की किसानों की मांग पूरी तरह से जायज है क्योंकि सिंचाई का पानी ही किसान की फसल पकने का साधन है और पानी के बिना फसल की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि किसानों की पानी की इस समस्या को उन्होंने पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष रखा था और इससे पहले हुई नलवा हलका की रैली में भी यह समस्या रखी गई थी। भाजपा सरकार इस मसले के समाधान पर गंभीरता से प्रयासरत है और इसका समाधान भी होगा, लेकिन किसानों को ऐसे दलों व उनके नेताओं के बहकावे में नहीं आना चाहिए जो अपने शासनकाल में तो किसानों से अन्याय करते हैं और विपक्ष में आते ही किसानों के बीच आकर बैठ जाते हैं। ऐसे नेता कभी भी किसान हितैषी नहीं हो सकते क्योंकि अपनी सरकार में जब ये किसानों से न्याय नहीं कर पाए तो विपक्ष में रहकर इनसे क्या उम्मीद की जा सकती है।

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अनिल गोदारा ने कहा कि इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला, विधायक रणबीर गंगवा व अन्य नेताओं को तो इस धरने पर आने का ही हक नहीं है क्योंकि यह समस्या ही इनेलो की पैदा की हुई है। यदि इन्हें किसानों के हित इतने ही प्रिय है तो वे सबसे पहले वे किसानों से माफी मांगे और उसके बाद किसानों के पक्ष में आएं। भाजपा नेता गोदारा ने कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह को भी जमकर आड़े हाथों लिया और कहा कि अपनी सरकार में नंबर दो के पावरफुल मंत्री होने के बावजूद उन्होंने किसानों से ये अन्याय होने दिया और अब वे पुराना रोना रो रहे हैं, लेकिन अपनी जिम्मेवारी से संपत सिंह भाग नहीं सकते। यही नहीं, कांग्रेस में शामिल होने के बाद नलवा हलके की जल रैली करने व सरकार के मुखिया भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का लंबा-चौड़ा स्तुतिगान करने के बाद भी संपत सिंह किसानों की यह मांग पूरी नहीं कर पाए, जो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि जब रैली ही जल लाने के नाम पर की गई थी और जल आया ही नहीं तो फिर क्यों नहीं संपत सिंह ने कांग्रेस को छोड़ा। उन्होंने धरने पर बैठे किसानों से अपील की कि वे कांग्रेस व इनेलो के नेताओं के बहकावे में आने की बजाय उनसे जवाब-तलबी करें कि आखिर उन्होंने अपनी-अपनी सरकारों में क्या किया। उन्होंने किसानों को विश्वास दिलाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों से अन्याय नहीं होने देगी और इस समस्या को फिर से मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा ताकि जल्द समाधान करवाया जा सके।
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