हिसार

आशा वर्कर्स हड़ताल से जच्चा—बच्चा को उठानी पड़ रही है परेशानी

हिसार (कुलश्रेष्ठ)
ग्रामीण क्षेत्र में आमजन के स्वास्थ्य की विभिन्न योजनाओं को सफल रूप देने वाली आशा वर्कर्स का सीएमओ कार्यालय के बाहर आज भी धरना जारी रहा। आशा वर्कर्स ने आज थाली और चम्मच बजाकर अपना विरोध प्रकट किया। इस दौरान आशा वर्कर्स ने कहा कि गर्भवती महिलाओं की घर पर ही डिलीवरी का दौर शुरु हो चुका है और नवजात शिशु सहित 5 वर्ष तक के बच्चों की स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम फेल हो रहे हैं। सरकार आशा वर्कर्स के बिना बच्चों को टीका तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है।

जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी और नौकरी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

यूनियन की प्रधान सुनीता ने कहा कि आशा वर्कर्स किसी भी स्थिति में कोई अप्रिय घटना नहीं चाहती और यदि सरकार भी इसी सोच के साथ काम करना चाहती है तो आशा वर्कर्स की मांग को जायज मानते हुए राज्य कार्यकारिणी से बातचीत करे और मांगों को पूरा करे।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार जल्द ही इस अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन को गंभीरता से नहीं लेती है तो आजादी के बाद का ‘दाई वाला दौर’ फिर से आ जाएगा और जच्चा-बच्चा के जीवन को सुरक्षित और स्वस्थ रखना एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
यूनियन प्रधान सुनीता ने दावा किया कि जिले में इस वक्त नवजात शिशु और 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों के स्वस्थ जीवन के लिए टीकाकरण सुविधा ग्रामीण अंचल में घर-घर तक नहीं पहुंच रही है। स्थिति यह भी है कि कई क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्रों पर डीटीपी, पेन्टा-1,2,3 और खसरे से बचाने के लिए मीजल, बूस्टर डोज़ बच्चों के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
अस्पताल में होम डिलीवरी के केस पहुंचे
आशा वर्कर्स के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के बाद कल से सिविल अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में होम डिलीवरी के केस आने शुरु हो गए हैं। बीते दिन आर्य नगर से एक होम डिलीवरी का केेस आया था, जिसमें जच्चा और बच्चा दोनों की जांच की गई है। फिलहाल दोनों की हालत स्थिर है। वहीं बाल रोग विशेषज्ञ की मानें तो नवजात शिशु को इस स्थिति में इन्फेक्शन होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। इस स्थिति से बचने के लिए महिला की डिलीवरी अस्पताल में विशेषज्ञों की उपस्थिति में ही होनी चाहिए। दूसरी तरफ मैटरनिटी वार्ड में आने वाले डिलीवरी केस में इन दिनों आशा वर्कर के साथ न आनेे से नर्सिंग स्टाफ को महिला के स्वास्थ्य से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। यदि किसी महिला के शरीर मेें खून कम है अज्ञैर उसे प्रसव पीड़ा हो रही हैै तो यह स्थिति काफी चिंताजनक हो जाती है।
जीवन आधार बिजनेस सुपर धमाका…बिना लागत के 15 लाख 82 हजार रुपए का बिजनेस करने का मौका….जानने के लिए यहां क्लिक करे

Related posts

पत्नी गई प्रेमी संग.. पीट—पीटकर अधमरा किया प्रेमी के दोस्त को

जब जिंदगी और मौत में संघर्ष हो तो पता चलता है एक यूनिट रक्त का महत्व

Jeewan Aadhar Editor Desk

महिला एमपीएचडब्ल्यू को नियमित भर्ती में अनुभव के अंक दे सरकार : एसोसिएशन

Jeewan Aadhar Editor Desk