हिसार (कुलश्रेष्ठ)
सिविल अस्पताल में आमजन के लिए स्वच्छता, सुरक्षा और सहयोग को लेकर लाखों रुपए का घालमेल चल रहा है और विभाग के अधिकारी जागरूक होते हुए भी किसी तरह की कार्यवाही करने में सुस्ती दिखा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो लाखों रुपए के इस घालमेल का खुलासा हाल ही में नियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर हुआ, मगर स्वच्छता, सुरक्षा और आमजन केे सहयोग के लिए लागू इसे ठेके का समय पूरा होने में केवल दो महीने ही रहने के कारण अधिकारी चुप्पी साधेे बैठे हैं। हां, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस घालमेल का पता चल चुका है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो विभाग के अधिरकारियों के पास इस घालमेल के कुछ महीनों का रिकॉर्ड भी मिल चुका है और अधिकारी ठेकेदार से पूरे वर्ष का रिकॉर्ड मांग रहे हैं, जिसे ठेकेदार द्वारा फिलहाल उपलब्ध करने में ना-नुकुर हो रही है।
सूत्रों के अनुसार नवनियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने हाल ही में साफ-सफाई और सुरक्षा प्रबंधों को लेकर अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया था। इस दौरान कुछ पहलुओं पर जब उन्होंने कुल कर्मचारियों की संख्या जानी व अस्पताल में उन कर्मियों की संख्या केे आधार पर स्थिति परखी तो उन्हें कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा हुआ। उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को ठेके पर काम कर रहे कर्मियों की सही स्थिति जांचने की जिम्मेवारी सौंपी। सूत्रों के अनुसार जांच में पता चला है कि ठेके पर दस्तावेजों में 130 से अधिक कर्मियों की संख्या बताई गई है, जबकि इसमें से करीबन 20 प्रतिशत कर्मी मौके पर नहीं है। इस मामले की अधिकारियों ने करीबन एक महीने तक नियमित रूप से जांच की, सारा मामला अधिकारियों के समझ में आ गया।
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सूत्रों के अनुसार ठेकेदार द्वारा विभाग को दी गई कुल कर्मियों की सूची में से करीबन 26 कर्मचारी ऐसे हैं जो मौके पर तो नहीं है, मगर उनका वेतन जरूर रिलीज हो रहा है। अधिकारियों ने जब इस बारे में अपने स्तर पर पूछताछ आरंभ की तो पता चला कि करीबन 26 कर्मचारी कभी देखे ही नहीं गए।
जानकारी के अनुसार ठेकेदार द्वारा इन कर्मियों को 10 हजार रुपए से अधिक का वेतन देना अनिवार्य है और इनका पीएफ भी जरूर काटा जाता है। ऐसे में इन 26 कर्मियों का पिछले कई महीनों से वेतन तो रिलीज हो रहा है, मगर अस्पताल में ये कर्मी नहीं होनेे पर यह वेतन किसकी जेब में जा रहा है, इस मामले की जांच अभी तक पूरी नहीं की जा रही है। यह ठेका मार्च, 2018 तक है और इसे पूरा होने में अब केवल दो महीने ही रह गए। अधिकारी फिलहाल इस मामले को उजागर किए जाने के बाद भी दबाकर ही रखना चाहते हैं।
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