नई दिल्ली,
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को अपना 5वां और मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश किया। इस बजट में गरीबों, किसानों और बुजुर्गों का सरकार ने काफी ख्याल रखा है वहीं, मिडिल क्लास की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। नौकरीपेशा लोगों को इस बजट में इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद थी, लेकिन जेटली ने इसमें कोई छूट नहीं दी। हालांकि, उन्होंने सैलरीड क्लास के मौजूदा टैक्सेबल इनकम में से 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन कर दिया।
जेटली ने इस बार का बजट हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पेश किया। केंद्रीय बजट में इस बार किसानों, गरीबों का खास ध्यान रखा गया है। देश में अगले साल आम चुनाव होने और सरकार ने इस वोट बैंक का बजट में बखूबी ध्यान रखा है। इसके अलावा सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ योजना का भी ऐलान किया गया है। नैशनल हेल्थ प्रॉटेक्शन स्कीम के तहत अब 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए सलाना 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का ऐलान किया है।
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हेल्थ स्कीम ‘मोदी केयर’ का ऐलान
यह योजना दुनिया में अपने तरह की पहली योजना होगी। वित्त मंत्री जेटली ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ केयर प्रोग्राम करार देते हुए कहा कि इससे कम-से-कम 50 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। इस लिहाज से देखें तो देश की करीब 1.30 अरब आबादी में करीब-करीब 40 प्रतिशत के लिए बड़े स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का ऐलान इस बजट में किया गया है। यानी, योजना के तहत अब गरीब परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक के इलाज पर अपने पैसे खर्च नहीं करने होंगे। जेटली ने कहा, ‘हम गरीब और दुखी परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये की सहायता दे सकें। यह विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा। अस्पातल में भर्ती के लिए यह सुनिश्चित करेंगे इस कार्यक्रम को पूरी तरह से पूरा किया जा सके।’ अभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीब परिवारों के बीमा के लिए सरकार ने महज 30 हजार करोड़ रुपये आवंटित कर रखे थे।
इनकम टैक्स स्लैब्स में कोई बदलाव नही
इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद पाले सैलरीड और मध्य वर्ग के लोगों को इस बजट से कुछ खास नहीं मिल पाया। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने सैलरीड क्लास के मौजूदा टैक्सेबल इनकम में से 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन कर दिया। यानी जितनी सैलरी पर टैक्स बनेगा, उसमें से 40 हजार घटाकर टैक्स देना होगा। इसका 2.5 करोड़ सैलरीड और पेंशनर्स को लाभ मिलेगा। वेतनभोगियों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा दो प्रकार से होगा। पहला- इनकम टैक्स की देनदारी कम होगी और दूसरा- उन्हें कागजी-कार्रवाई भी कम करनी होगी। 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के लिए खर्च या निवेश का कोई हिसाब-किताब नहीं मांगा जाएगा। अब एंप्लॉयर टीडीएस के आकलन करते वक्त ही 40,000 रुपये की कटौती कर सकता है।
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हालांकि, वित्त वर्ष 2005-06 तक स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा मिली हुई थी जिसे बाद में वापस ले लिया गया। सीनियर सिटिजन्स को अब जमा रकम से मिले 50 हजार रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री कर दिया गया है। पहले यह सीमा 10,000 रुपये की थी। वहीं, सेक्शन 80D के तहत वरिष्ठ नागरिकों को हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम और जनरल मेडिकल एक्सपेंडिचर पर टैक्स छूट की सीमा 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई है।
किसानों पर मोदी सरकार मेहरबान
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के किसानों के लिए बड़े तोहफे का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आगामी खरीद की फसलों को उत्पादन लागत से कम-से-कम डेढ़ गुना कीमत पर लेने का फैसला ले लिया है। टमाटर, आलू और प्याज जैसे सालोंभर प्रयोग में आने वाले खाद्य वस्तुओं के लिए ‘ऑपरेशन फ्लड’ की तर्ज पर ‘ऑपरेशन ग्रीन’ लॉन्च करने की घोषणा की गई है। इसके लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। ऐसे पौधे जिनका दवाइयों में इस्तेमाल होता हो उनका भी सरकार उत्पादन बढ़ाने के लिए बढ़ावा देगी। जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। क्रेडिड कार्ड मछुआरों और पशुपालकों को भी मिलेगा। 42 मेगा फूड पार्क बनेगा। मछली पालन और पशुपालन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये रखे जा रहे हैं। बांस की पैदावार बढ़ाने के लिए भी सरकार ने फंड मुहैया कराने की घोषणा की है।
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