हिसार

किसानों की मांगों व समस्याओं पर संवेदनहीन बनी सरकार : किरमारा

हिसार,
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा ने कहा है कि केन्द्र व प्रदेश की सरकार किसान वर्ग की मांगों व समस्याओं के प्रति संवेदनहीन बन चुकी है। कहने को तो केन्द्रीय बजट में किसानों की आमदनी बढ़ाने के सहित लंबे-चौड़े दावे किये गये है लेकिन जब तक किसानों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलेगी, तब तक आमदनी कैसे बढ़ेगी, यह समझ से परे है।
एक बयान में दलबीर किरमारा ने कहा कि हिसार के लघु सचिवालय के समक्ष पिछले लंबे समय से किसान दो सप्ताह नहरी पानी की मांग पर धरनारत है। सत्तारूढ़ भाजपा सहित हर राजनीतिक दल के नेताओं ने धरनास्थल पर जाकर किसानों का समर्थन किया है, लेकिन समर्थन करने के दौरान वे यह भूल जाते हैं कि किसी न किसी स्तर पर या तो यह समस्या ही उनकी पैदा की हुई है या फिर वे इसका समाधान करने में असमर्थ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल केवल मात्र किसानों के नाम पर घडिय़ाली आंसू बहाते हैं और उनको अपने वोट के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो राजनीतिक दल किसानों के धरने का समर्थन करने की बजाय धरने का नेतृत्व करते और किसानों की मदद करते लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि एक सरकार ने किसानों का पानी कम कर दिया, बाद में बनी सरकार इस समस्या का समाधान नहीं कर पाई और इसके बाद बनी सरकार पूर्व की सरकारों पर इस समस्या का ठीकरा फोड़ कर जिम्मेवारी से भाग रही है, जो निंदनीय है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे राजनीतिक दलों की चिकनी-चुपड़ी बातों से सावधान रहें और उन दलों के कार्यकाल में सिंचाई जल की स्थिति बारे की गई कार्रवाई पर जवाब मांगे, ताकि इन दलों को पता चल सके कि दोगली नीतियां अपनाने का क्या नतीजा होता है।
दलबीर किरमारा ने कहा कि पिछले काफी समय से किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है। परम्परागत काम होने के वजह से किसान वर्ग खेती को छोड़ भी नहीं सकता, वहीं खेती करने के दौरान हर फसल में उसे मुनाफा होना तो दूर, लागत पूरी होना भी टेडी खीर साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने, उन्हें कृषि के अलावा पशुपालन व अन्य कार्यों से जोडऩे सहित तरह-तरह के दावे तो केन्द्र व प्रदेश सरकार की तरफ से किये जा रहे हैं लेकिन इन सबसे पहले जरूरी है कि किसानों को बिजली व सिंचाई के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाया जाए, खाद, बीज, कीटनाशक व कृषि उपकरण रियायती दरों पर उपलब्ध करवाए जाएं ताकि किसानों की कृषि लागत कम हो सके लेकिन इनमें से कोइ चीज किसान को पूरी नहीं मिल रही है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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