फतेहाबाद

तीसरी कक्षा की छात्रा ने पीएम को लिखा खत, गांव की बदल दी तकदीर

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
गांव रत्ताटिब्बा की ढाणी तेजासिंह की रहने वाली तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा खुशी ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिससे उसके गांव में खुशी का माहौल छाया हुआ है। जो काम उसके गांव के बड़े बूढ़े-बुजुर्ग लोग नहीं कर पाए वहीं काम इस जांबाज़ नन्ही सी बालिका ने कर दिखाया है। अपने नन्हें हाथों से कच्ची पेंसिल लेकर और स्कूल की कॉपी लेकर खुशी प्रधानमंत्री के नाम ऐसा एक पत्र लिख डाला जिसने उसकी ढाणी की तकदीर बदल डाली।

दरअसल उसकी ढाणी तेजासिंह से गांव तक जाने वाला कच्चा रास्ता अब पक्का बनने की उम्मीद जगी है क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस नन्ही बालिका के पत्र पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन को यह सड़क जल्द बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं।

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ढाणी तेजासिंह से गांव रत्ताटिब्बा स्थित स्कूल की दूरी तकरीबन 3 किलोमीटर है। बच्चों को पैदल स्कूल जाना पड़ता है। बरसात के दिनों में तो यह कच्चा रास्ता कीचड़ रूपी तालाब की शक्ल ले लेता है। ऐसे में न केवल बच्चे बल्कि बड़े बूढ़े लोग भी अपनी ढाणी में कैद होकर रह जाते थे। ऐसे में खुशी ने कलम उठाई और लोगों के सामने आशा की किरण जगाई।
खुशी ने प्रधानमंत्री महोदय का आभार व्यक्त किया तथा मीडिया से बातचीत में कहा हमारे “हौंसलो की उड़ान अभी बाकी है इस विकास के इम्तिहान अभी बाकी है नापी है अभी तक जमीन हमने मापना आसमान अभी बाकी है।”
खुशी की इस उपलब्धि पर उसके बुजुर्ग दादा छोटू राम ने अपनी आंखों में खुशी के आंसू लाते हुए कहा कि उसे गर्व है कि उसकी पोत्री ने उनके इलाके की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करने में अहम भूमिका अदा की है। इस कार्य के लिए खुशी काफी समय से जिद्द पर अड़ी थी कि वह प्रधानमंत्री महोदय को पत्र लिखेगी क्योंकि उसने कई बार रेडियो पर प्रधानमंत्री का मन की बात कार्यक्रम वह टेलीविजन पर उनका भाषण सुना है। इसलिए वह बार-बार कहती थी कि उसकी इस मांग पर अवश्य कार्रवाई होगी और ऐसा हो गया यह गौरव का विषय है। हमें इस बेटी पर गर्व है। हमें लगता है कि हमने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को भी सार्थक किया है। बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं है ये कहते-कहते उसके दादा कि गालों पर पड़ी झुर्रियों मैं भी चमक दिखाई देने लगी।
गांव के तेजासिंह ने बताया कि इस कच्चे रास्ते के कारण लगभग 300 परिवारों को कठिनाई का सामना करना पड़ता था। वह इस बारे उन्होंने पहले भी सरकार व प्रशासन से मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। शायद यह सब होना इसी नन्ही परी खुशी के कोमल हाथों में लिखा था, जिसने यह कदम उठाया तथा उनकी ढाणी का नसीब जगाया।
प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले इस पत्र के बारे में जानकारी देते हुए पीडब्लूडी-बीएंडआर विभाग के एसडीओ आर.के मेहता ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें पीएमओ से पत्र आ चुका है कि इस ढाणी को रत्ताटिब्बा के साथ पक्की सड़क से जोड़ा जाए इसके लिए प्रशासन तत्काल कार्रवाई करने जा रहा है ताकि इस क्षेत्र के लोगों की यह विकट समस्या दूर हो सके।
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