नई दिल्ली,
रेवला खानपुर गांव में डेढ़ महीने से भी ज्यादा वक्त तक एक जगह बैठे कोबरा को वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने रेस्क्यू करा लिया है। छावला थाना इलाके के रेवला खानपुर गांव में कोबरा का लंबे वक्त तक एक ही जगह कुंडली मारना कोई चमत्कार नहीं बल्कि उसकी बीमारी थी। इसलिए वह रेंग नहीं पा रहा था। लोगों के जमघट और धूप-अगरबत्ती जलाने से वह और बीमार हो गया था। एक-दो दिन और ध्यान नहीं दिया जाता तो उसकी मौत भी हो सकती थी।
वाइल्ड लाइफ विभाग के मुताबिक, कोबरा का बुधवार शाम को रेस्क्यू करा लिया गया है। उसे असौला भाटी वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी में छोड़ा गया तो पहले ऐसे ही बैठा रहा। लेकिन जब उसके पास से रेस्क्यू टीम हट गई तो फिर कुछ देर बाद धीरे-धीरे रेंगते हुए जंगल में चला गया। यह भी बताया गया है कि कई बार जब सांप अपनी स्किन बदलते हैं, तब भी वह कुछ समय के लिए रेंग नहीं पाते हैं। इस मामले में भी कुछ ऐसे ही कयास लगाए जा रहे हैं।
सांप के लंबे समय तक बैठे रहने और किसी को कुछ नुकसान ना पहुंचाने को देखते हुए गांव वालों ने चमत्कार समझना शुरू कर दिया था। यहां मंदिर भी बनाए जाने की योजना की जाने लगी थी। आखिरकार पुलिस ने इस मामले को फॉरेस्ट अधिकारियों तक पहुंचाया, जिसके बाद कोबरा को यहां से रेस्क्यू करा लिया गया।