टोहाना (नवल सिंह)
सरकारी स्कूल अपनी खामियों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते है। देखने में यह भी आता है कि निजी स्कूलों को नियमों का पाठ पढाने वाले सरकारी अधिकारी अपने इन सरकारी स्कूलों की और से आंख मूंदे नजर आते है। ऐसा ही कुछ देखने में टोहाना उपमण्डल के गांव रत्ताखेडा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में देखने में आ रहा है। ग्रामीणों की माने तो पिछले लंबे समय से यहां पर अध्यापक समय से नहीं आ रहे इसके चलते बच्चों की पढ़ाई में भारी नुकसान हो रहा है। बार-बार कहने के बाद भी जब कोई हल नहीं निकला तो आज स्कूल समय पर ग्रामीणों ने स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया।
स्कूल में 12 अध्यापक नियुक्त है। इनमें से आधा दर्जन शिक्षक समय से नहीं थे, इसमें से भी चार शिक्षक तो देरी से पहुचे दो शिक्षक को अनुपिस्थत पाया गया। स्कूल के मुख्याध्यापक केसू राम पत्रकारों से बचते नजर आए।
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उनका कहना था कि आज ही अध्यापक देरी से है और जो नहीं आए वो परीक्षा डूयटी पर है। मौके पर आए सरंपच गुरचरण ने बताया कि सुबह स्कूल कमेटी ने पाया कि केवल दो अध्यापक प्रभात प्रर्थाना करवा रहे है। एक अध्यापक गांव का ही एक बाहर से है। इसके बाद मुख्य अध्यापक भी देरी से पहुंचे। उन्होनें कहा कि अध्यापक समय से आए इनकी वजह से बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। स्कूल समिति सदस्य राजेन्द्र सिंह ने बताया कि अध्यापक हमेशा ही देरी से मनमर्जी से आ रहे है लेकिन वेतन पूरा लेते है। ये बच्चों को भविष्य खराब कर रहे है। इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही हो ताकि दूसरे शिक्षकों को भी सबक मिले।