नई दिल्ली
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में किसानों पर भाजपा सरकार द्वारा की गई गोलीबारी की घटना में देशभर में कांग्रेस ने रेल रोको मुहिम चलाई। लेकिन मंगलवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने नई दिल्ली में आयोजित बैठक में किसानों के पक्ष में हरियाणा में आंदोलन का एेलान करते हुए हूंकार भरी। हुड्डा ने प्रदेश के कांग्रेस विधायकों, सांसदों, पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों तथा पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा के लिए बैठक की। बैठक में एकमत से तय किया गया कि किसानों के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेसी प्रदेश व्यापी आन्दोलन छेड़ेंगे। इसके प्रथम चरण में 16 जून को पिपली कुरुक्षेत्र, 21 जून को सिरसा, 25 जून को रेवाड़ी, 1 जुलाई को सोनीपत, 5 जुलाई को जीन्द तथा 7 जुलाई को नूंह में किसानों के समर्थन में धरना दिया जाएगा।
बैठक में क्या हुआ तय
बैठक में तय हुआ है कि इसके बावजूद भी भाजपा सरकार ने किसानों के लिए स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू नहीं किया तो आंदोलन करके इस लड़ाई को सड़क से संसद तक लाया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि जिन किसानों के नाम पर राजनीति करके भाजपा ने सत्ता हथियाई, आज उन्हीं किसानों की छाती पर भाजपा सरकार गोली बरसा रही है।इससे शर्मनाक देश में कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि पहले किसान की फसल का उचित दाम मंडी में नहीं मिला। अब उसकी दुर्दशा सड़कों पर हो रही है। उन्होंने कहा कि किसान की फसल का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है, जबकि डीजल और पैट्रोल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। वह भी तब, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल कि कीमत लगातार गिर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा पहली बार देश में ऐसी सरकार बनी है, जिसने पहले किसान के पेट पर लात मारी और अब छाती पर गोली मार रही है। हुड्डा ने मांग की कि केंद्र को चाहिए की कच्चे तेल की कम कीमत से जितना मुनाफा पिछले तटिन साल में केंद्र सरकार ने कमाया है। वह सारा पैसा किसानों के कर्जा माफी में इस्तेमाल किया जाए।
ये रखी मांगें
बैठक के दौरान सर्वसम्मति से 12 मांगें तय कि गई इनमें अविलंब, स्वामीनाथन आयोग कि सिफारिशें लागू की जाए और किसान को कम से कम 50 फीसदी मुनाफे कि गारंटी हो। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हाल में की गई घोषणाओं के बाद पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के फैसले के तर्ज पर, हरियाणा के किसानों का कर्जा माफ हो। कांग्रेस सरकार कि तर्ज पर गन्ने का समर्थन मूल्य 2013-14 के चीनी-गन्ना के अनुपात में मिले और इस वर्ष गन्ने का सर्मथन मूल्य 400 रूपये प्रति-क्विंटल घोषित किया जाए, डीजल और यूरिया के दामों को घटाकर विश्व बाजार में कच्चे तेल के कम दाम का फायदा सीधा किसान को दिया जाए, पोपुलर और सब्जियों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू हो और पूर्व कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मिल रहे दाम के अआधर पर 1200 रुपए प्रति/क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य कि घोषणा कि जाए, किसान फसल बीमा योजना में किसान को अपनी मर्जी से शामिल होने की छूट हो और जो किसान इससे बाहर रहना चाहते हैं उन्हें सरकार कि तरफ से मिलने वाली सहायता राशि को बढाकर कम से कम 25000 रुपए किया जाए, पूसा 1121 और 1509 एक्सपोर्ट वैराईटी के एक्सपोर्ट को तुरंत खुलवाने का काम किया जाए, ताकि जो भाव कांग्रेस की हुड्डा सरकार के समय मिला वही भाव दुबारा मिल सके।
साथ ही आयत-निर्यात नीति निर्धारण में किसान की भागीदारी हो, हरियाणा सरकार पूर्व की कांग्रेस सरकार के मॉडल पर बनी भूमि अधिग्रहण नीति तुरंत प्रभाव से लागू की जाये, ताकि भूमि अधिग्रहण किये जाने पर किसान को पूरा फायदा मिले, किसान तथा खेती और मजदूर के ईलाज के लिये धरतीपुत्र स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू कि जाए, सरप्लस बिजली वापस ली जाए और प्रदेश के सारे थर्मल प्लांट पूरी क्षमता से चलाये जाए, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार SYL का केंद्र सरकार निर्माण कराए ताकि हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी मिल सके तथा रोजगार 2 या 9 हजार 2 की मांग मुख्य हैं।