आदमपुर/बरवाला,
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि राज्य सरकार के कुप्रबंधन, अदूरदर्शी सोच तथा तानाशाही नीतियों की बदौलत हरियाणा प्रदेश कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है। 9 मार्च को पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री ने खोखले दावों के सिवाय राज्य के चहुंमुखी विकास, किसानों की हालत सुधारने, युवाओं के रोजगार के साधन उपलब्ध करवाने, महिलाओं की सुरक्षा, राज्य भर में बीमार सरकारी अस्पताल एवं खस्ताहाल शिक्षा प्रणाली की हालत में सुधार की दिशा में कोई भी ठोस परियोजनाएं नहीं सुझाई। भाजपा के शासनकाल में राज्य में कोई भी बड़ा प्लांट नहीं लगा और न ही उद्योग, महाविद्यालय की स्थापना हुई। वे रविवार को बरवाला, टोहाना, आदमपुर हलके में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने दौरान लोगों से बातचीत कर रहे थे।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि चुनावों में जो भी वादे भाजपा ने जनता से किए थे, उन सभी वादों से सरकार पीछे हट गई है। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर धरना, प्रदर्शन करने वाले भाजपा नेता सत्ता आते ही स्वामीनाथन को भूल गई। मंडियों में किसानों को फसल का उचित समर्थन मूल्य नहीं मिला और न ही समय पर खाद, बीज उपलब्ध हो रहा। खराब फसलों के मुआवजे के लिए किसान सरकारी दफ्तरों में अभी तक चक्कर काट रहे हैं। नहरी सिंचाई पानी, टेलों तक पानी, स्वच्छ पेयजल की समस्याएं अलग से किसानों को सता रहे हैं, जिनके लिए उन्हें सड़कों पर उतरकर संघर्ष के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री जी ने हिसार में 47 दिनों तक चले धरने के बाद किसानों से 6 माह में समस्या हाल करने का वादा तो कर दिया, पंरतु यह वादा तो पूर्व में जब किसानों ने 37 दिनों तक सिंचाई पानी के लिए धरना चलाया था, तब भी किया था।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की समाज को बांटने वाली सोच से आज जनता में रोष है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भाजपा नेता किसी भी हद जा सकते हैं। धर्म, जाति के नाम पर समाज को आपस में लड़ाकर अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश में जितना समय भाजपा नेता लगाते हैं अगर जनता की समस्याएं को दूर करने में लगाते तो आज लोगों को बिजली, पानी जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए नहीं तरसना पड़ता। विधायक ने कहा कि राज्य की जनता कांग्रेस की नीतियों की तरफ बढ़ रही है और आने वाला समय कांग्रेस का है। इस दौरान रणधीर सिंह पनिहार, पवन मित्तल, देवेन्द्र सैनी, जयवीर गिल, राजाराम खिचड़, विनोद ऐलावादी, सुधीर काकड़, सुनील गोदारा, सुरेन्द्र पनिहार, रोहताश गावड़, रमन महता, सुरेश किरोड़ी, अनिल गुराना आदि उपस्थित थे।