चंडीगढ़,
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन बृहस्पतिवार कोमुख्यमंत्री मनोहरलाल ने राज्य में बंपर भर्ती का एेलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य में चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों के 34000 पदों पर भर्ती की जाएगी। सदन में सरकारी नौकरियों पर जमकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछली चौटाला और हुड्डा सरकारों को घेरते हुए न केवल उनके कार्यकाल में दी गई नौकरियां का ब्यौरा पटल पर रखा, बल्कि अपनी सरकार में प्रदान की गई सरकारी नौकरियों का भी पूरा हिसाब दिया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में बदले गए नियमों का हवाला देते हुए ऐलान किया कि जल्द ही करीब 34 हजार खाली पदों पर नई भर्तियां की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने अनुबंध आधार (आउटसोर्सिंग) के तहत होने वाली भर्ती में राज्य की आरक्षण नीति लागू करने की भी घोषणा की।
अभी तक आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट वन के तहत लगे कर्मचारियों को ही आरक्षण सुविधा का लाभ मिलता था, लेकिन मुख्यमंत्री ने अब आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट टू के तहत लगने वाले कर्मचारियों को भी आरक्षण की सुविधा देने का ऐलान विधानसभा में किया है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार में बिना सिफारिश के मेरिट के आधार पर ही सरकारी नौकरियां दी जा रही हैैं। उन्होंने आंकड़ा पेश किया कि 1999 से 2004 के बीच चौटाला सरकार में 11 हजार 800 सरकारी नौकरियां दी गईं। 2004 से 2014 के बीच भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार के 10 साल के कार्यकाल में 20 हजार 30 सरकारी नौकरियां प्रदान की गईं। दूसरी ओर, अक्टूबर 2014 से 2018 तक भाजपा सरकार के साढ़े तीन साल के अपने अब तक कार्यकाल में 24 हजार 16 सरकारी नौकरियां प्रदान की जा चुकी हैैं।