हिसार,
सरकार ने किसानों को लाभ देने की बात कहते हुए सरसों की फसल 3900 रुपए प्रति क्विंटल के साथ 100 रुपए बोनस यानि 4 हजार रुपए घोषित करके अपनी पीठ थपथपाने का काम किया। जबकि जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।
हिसार जिले में आदमपुर की अनाज मंडी में सरसों की उपज अव्वल दर्जे में आती है। यहां पर हैफड खरीद नहीं कर रही। ऐसे में यहां पर सरसों का भाव 3575 से 3650 रुपए प्रति क्विंटल के चल रहे है। देखा जाए तो यह सरकार के भाव से 350 से लेकर 425 रुपए प्रति क्विंटल तक कम है। जबकि इस समय आदमपुर में सरसों की अच्छी उपज आ रही है।
ये हाल अकेले आदमपुर का नहीं है, सिवानी में 3560 से लेकर 3660 रुपए प्रति क्विंटल सरसों खरीदी जा रही है। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, जींद व रेवाड़ी की अनाज मंडी में भाव भी 3550 से 3675 के बीच ही चल रहे है। चौकान्नें वाली बात तो ये है कि हैफड ने 15 मार्च से सरसों की खरीद करने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक अधिकतर सेंटरों पर उसने सरसो में नमी बताकर खरीद ही आरंभ नहीं की है।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि प्रदेश की भाजपा सरकार एक बार फिर धरतीपुत्रों को लाभ दिलवा पाने में कामयाब नहीं हो पा रही है। इसका मुख्य कारण हैफड की गलत नीतियां, अधिकारियों की अकर्मठता और सभी अनाज मंडियों में सरसों की खरीद न होना मुख्य रुप से है।