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किसान कर रहे है लगातार आत्महत्या, नेताओं के पास नहीं कोई हल


होशंगाबाद

भारत देश की पूरी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है, लेकिन इसके बाद भी देश का किसान लगातार कर्ज के दलदल में फंसकर आत्महत्या कर रहा है। देश के सभी राजनीतिक दलों की राजनीति के केंद्र भी सदा से किसान रहे है—लेकिन इसके बाद भी किसानों की आर्थिक स्थिती ठीक क्यों नहीं हो पा रही।
मध्यप्रदेश में पिछले 48 घंटों में अभी तक राज्य में 6 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। बुधवार देर शाम भी नर्मदा प्रसाद नामक किसान ने होशंगाबाद में अपनी जान दे दी। उन्होंने बुधवार को ही 50,000 रुपये की मूंगदाल भी बेची थी। परिजनों के मुताबिक, जिनसे नर्मदा प्रसाद ने कर्ज लिया है वह उसका ट्रैक्टर और पैसे भी ले गए हैं।
ध्यान रहे कि जिले के बालाघाट थाना अंतर्गत बल्लारपुर निवासी लगभग 40 से 42 वर्षीय किसान ने कर्ज से परेशान होकर जहर खा लिया था। जिसकी जिला अस्पताल में मौत हो गई। बताया जाता है कि किसान रमेश बसेने पर सोसायटी का लगभग डेढ़ से दो लाख रुपए कर्ज था। हालांकि किसान रमेश पर यह कर्ज पुराना था, जो उसने खाद और अन्य कृषि जरूरतों के लिए लिया था।

बुधवार सुबह किसान रमेश अपने चाचा तुलसीराम के घर गया था,जहां उसने चर्चा में चाचा को कर्ज से परेशानी वाली बात बताई थी। बताया जाता है कि किसान पर खेती के लिए कर्ज नहीं जमा हो पाने के चलते उसे बैंक के माध्यम से नोटिस दिया जा रहा था।

बुधवार सुबह खेत से लगभग 9 बजे जब वह घर लौटा तो घर में उसकी हालत बिगड़ने से परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर आये थे। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। चाचा तुलसीराम और पत्नी जानकीबाई ने बताया है कि रमेश कर्ज के कारण मानसिक रूप से परेशान था। जिसके चलते वह शराब भी पीने लगा था। हालांकि अब तक कर्ज से किसान की मौत की पुष्टि प्रशासन ने नहीं की है।
चर्चा ये भी है कि किसान रमेश लगातार शराब पी रहा था। संभवत इसी के चलते उसने जहरीली दवा खा ली। परिजनों की मानें तो किसान रमेश ने कर्ज से परेशान होकर जहर खाकर जान दे दी।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को मंदसौर के बड़वन गांव पहुंचे थे। शिवराज ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। परिवारजनों ने सीएम के सामने इंसाफ की मांग रखी थी।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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