आदमपुर (अग्रवाल)
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई ने स्थानीय अनाज मंडी का दौरा कर सरसों खरीद का जायजा लिया तथा किसानों की समस्याएं सुनकर आदमपुर में सरसों की खरीद का सैंटर बनाए जाने, सरकारी रेट पर किसानों से सरसों खरीदने सहित किसानों की अन्य मांगों को लेकर कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ से फोन पर बात करके राहत देने की मांग की। विधायक ने कहा कि सरसों की सरकारी खरीद न हो पाने से किसान वर्ग एक बार फिर से सरकारी नीतियों की वजह से परेशान है। सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 4000 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, परंतु सरसों में नमी आदि बताकर किसानों की फसल को औने-पौने दामों पर खरीदा जा रहा है। आदमपुर हमेशा ही सरसों का गढ़ रहा है। भाजपा सरकार के भेदभाव की वजह से पिछले दो वर्षों से यहां पर सरसों खरीद के लिए सैंटर नहीं बनाया गया है, जिससे क्षेत्र के किसानों को भट्टू व हिसार की मंडियों तक जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। हिसार व आसपास की मंडियों में भी किसान 3000-3200 रूपए प्रति क्विंटल सरसों बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि सरकारी खरीद नहीं हो रही। किसानों को लूटने के लिए यह सरकार की साजिश है। कुलदीप बिश्नोई ने सरकार एवं प्रशासन से मांग की कि कि जल्द से जल्द आदमपुर में सरसों खरीद के लिए सैंटर बनाया जाए तथा मंडियों में सरकारी रेट किसानों को मिले। वे शुक्रवार को आदमपुर हलके के सारंगपुर, भाणा, किशनगढ़, सदलपुर ,मंडी आदमपुर, जवाहर नगर, लाखपुल, मोहब्बतपुर, चौधरीवाली, खैरमपुर, महलसरा, चिकनवास, बालसमंद, सीसवाल, सरसाना, भिवानी रोहिल्ला, काबरेल सहित अनेक गांवों में कई कार्यक्रमों में भाग लेने दौरान लोगों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मंडियों में जाकर सरसों की खरीद का जायजा भी लिया तथा किसानों से बातचीत की।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि एक किसान पर अधिकतम 25 क्विंटल सरसों बेचने, फसल में नमी की मात्रा अधिक बताकर सरकारी खरीद में ढिलाई, फर्द को जरूरी किए जाने सहित सरसों में नमी की मात्रा आठ प्रतिशत की आदि शर्तें किसानों पर थोप दी गई हैं, जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। सरकारी खरीद की घोषणा के 15 दिन बीत जाने के बाद भी किसान फसल बेचने के लिए भटक रहे हैं। अपने खून-पसीने तैयार फसल को किसान 1000 से 800 रूपए कम में बेचने के लिए मजबूर हैं। विधायक ने कहा कि किसानों के साथ इस तरह की नीतियां भाजपा को भारी पड़ेगी।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि 1 नवंबर 2016 से प्रदेश सरकार ने बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए सक्षम नामक योजना चलाई थी, परंतु इस योजना में कई तरह की शर्तें थोप दी गई हैं, जिससे इस योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस योजना के तहत 3 वर्ष व आयु सीमा 35 से बढ़ाकर स्थाई कर्मचारियों के बराबर की जाए, कार्य सीमा 100 घंटे से बढ़ाकर पूरे महीने की जाए और कार्य अनुसार उचित सम्मानजनक वेतनमान दिया जाए, सक्षम युवा का डिपार्टमेंट बार-बार न बदला जाए और उस डिपार्टमेंट की तरफ से युवाओं का डिपार्टमेंट पहचान पत्र दिया जाए, जिन सक्षम युवाओं का कार्यकाल एक वर्ष हो चुका है, उन्हें डी.सी. रेट में बदला जाए, लड़की व विकलांग सक्षम को नजदीक कार्य दिया जाए।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि राज्य में पढ़े लिखे युवाओं की फौज बढ़ती जा रही है। सरकारी नीतियों की वजह से कोई भी बड़ा उद्योग पिछले 4 वर्षों में राज्य में नहीं लगा। प्राइवेट सेक्टर में घटती नौकरियों तथा सरकारी स्तर पर भर्ती प्रक्रिया न होने की वजह से राज्य में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। इस दौरान रणधीर सिंह पनिहार, जयवीर गिल, विनोद ऐलावादी, बलदेव खोखर, कृष्ण सेठी सरपंच, गोविन्द मूंदड़ा, प्रवीण शर्मा, नवीन मोंगा, सुधीर काकड़, सुनील गोदारा, प्रीतम सरदार सरपंच, सुधीर असीजा, जगदीश सरपंच, भागीरथ गुप्ता, संदीप ज्याणी, अत्तर सरपंच, सुनील धारनिया, गौरव महता, सुभाष, सुरेश बंसल, कुलदीप यादव, पप्पू मोढाखेड़ा आदि उपस्थित थे।