नई दिल्ली,
सीबीएसई पेपर लीक में दायर सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह साफ किया कि परीक्षा के बारे में फैसला CBSE का अधिकार है। पेपर कराना है या नहीं करना, यह सीबीएसई का विशेषाधिकार है। इसके साथ ही अदालत ने पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग को भी अस्वीकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मंगलवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फैसला किया कि सीबीएसई की 10वीं कक्षा की गणित विषय की दोबारा परीक्षा नहीं कराई जाएगी। सीबीएसई ने कहा कि 10वीं कक्षा स्कूली शिक्षा प्रणाली का आंतरिक भाग भर है। गौरतलब है कि सीबीएसई की 10वीं कक्षा का गणित और 12वीं कक्षा का अर्थशास्त्र विषय का पर्चा लीक हो गया था।
शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने दिन में कहा था, ‘सीबीएसई की 10वीं कक्षा का गणित का पर्चा लीक होने की सूचनाओं के प्राथमिक विश्लेषण के बाद तथा विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने फिर से परीक्षा नहीं करवाने का फैसला लिया है। यह परीक्षा दिल्ली एनसीआर और हरियाणा राज्यों में भी नहीं होगी। ऐसे में 10वीं कक्षा के लिए कोई पुन: परीक्षा नहीं होगी।’ बाद में सीबीएसई ने एक बयान में कहा, ’10वीं कक्षा की परीक्षाएं 11वीं कक्षा के लिए प्रवेश द्वार होती हैं और इसलिए मोटे तौर पर स्कूली शिक्षा का आंतरिक भाग बनी रहती है।’
बयान के मुताबिक, ‘दूसरी ओर, 12वीं कक्षा की परीक्षाएं उच्च शिक्षा एवं सीमित सीटों वाली विभिन्न पेशेवर प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं का प्रवेश द्वार होती हैं। लिहाजा, अर्थशास्त्र के पर्चे की कथित लीक के मुट्ठी भर लाभार्थियों को अनुचित फायदा देना छात्रों के व्यापक हित में नहीं होगा।’ केंद्र ने इस साल से 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं फिर से शुरू की है और सतत समग्र मूल्यांकन( सीसीई) की व्यवस्था खत्म कर दी है। सरकार को लगा था कि सीसीई की वजह से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।