हरियाणा

इनेलो—बसपा में हुआ गठबंधन..अभय चौटाला ने तीसरे मोर्चे का किया ऐलान

चंडीगढ़,
हरियाणा की सियासत में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। इनेलो और बसपा 2019 के चुनाव के लिए एक-दूसरे से हाथ मिलाया है। इस बारे में कुछ देर में इनेलो नेता अभय चौटाला प्रेस कॉफ्रेस कर औपचारिक एलान किया। अकाली दल के साथ गठबंधन टूटने के बाद इनेलो बसपा की बैसाखी के सहारे लोकसभा चुनाव में उतरने जा रही है।
अभय चौटाला ने इस गठबंधन को तीसरे मोर्चे की नई शुरुआत बताया। उन्होंने कहा इस गठबंधन का अर्थ है कि अब किसान, दलित, पिछड़े और कमेरे वर्ग मिलकर नई पहचान बनायेंगे। गठबंधन के ऐलान के साथ ही उन्होंने ‘हरियाणा की बनायेंगे नई पहचान—अब समय बदलाव का’ नारा दिया।
अभय चौटाला ने कहा भाजपा और एनडीए की सरकार बनने के बाद किसानों की अनदेखी हुई। गरीब के साथ छल किया। भाजपा ने लोगों को बांटने का काम किया। हरियाणा प्रदेश में भाजपा की साजिश के कारण 3 बार जला। उन्होंने भाईचारे को तोड़ने की कोशिश की। इसका जवाब वोट के माध्यम से दिया जायेगा। प्रदेश में भाईचारे को कायम करने के लिए इनेलो और बसपा का गठबंधन किया गया है। यह गठबंधन प्रदेश में नहीं बल्कि देश में बदलाव करेगा। इतिहास गवाह रहा है कि देश में बड़ा बदलाव सदा हरियाणा से हुआ है।
पहले चौ.देवीलाल 1984 में देशभर का भ्रमण करके कांग्रेस मुक्त किया था। अब ये शुरुआत हो चुकी है। आज प्रजातंत्र खतरे में है। गरीब आदमी को न्याय दिलवाने और प्रजातंत्र को कायम रखने के लिए तीसरे मोर्चे की जिम्मेवारी बहन मायावती को दी है। वे पूरे देश का दौरा करके गैर कांग्रेसी और गैर बीजेपी दलों से बात कर एकजुट देश को दोनों दलों से मुक्त करे।
बसपा के प्रभारी डा.मेघराज सिंह ने कहा कि प्रदेश में आज हर वर्ग परेशान है। छोटी बच्चियों के साथ गलत काम होने की बाढ़ आ गई है। प्रदेशवासियों को आपस में लड़वाया जा रहा है। ऐसे में बहन मायावती से विस्तृत बातचीत की गई। बाद में हरियाणा की जनता के हित में फैंसला लिया गया कि बसपा लोकसभा और विधानसभा का चुनाव इनेलो के साथ मिलकर लड़ा जायेगा। वहीं यूपी में कांग्रेस से बीएसपी की गठबंधन की बात पर उन्होंने कहा कि वहां का फैंसला बहन मायावती लेगी, यहां पर इनेलो और बसपा का गठबंधन है। इस दौरान उन्होंने कहा विधायक खेमचंद शर्मा को सस्पेंड कर दिया जाएगा।
जातीय समीकरणों के आधार पर राजनीतिक गणित में इनेलो अपने खाते हरियाणा के अंदर 30 प्रतिशत और बीएसपी के खाते में 20 प्रतिशत वोट मानकर चल रही है। इस गणना में इनेलो मानती है कि अगर 40 प्रतिशत मत भी उन्हें पड़ जाएं तो सत्ता मिल जाएगी।
बसपा का इनेलो से दूसरी बार गठबंधन हुआ है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में इनेलो व बसपा के बीच गठबंधन की बात कोई नई नहीं है। दोनों दलों के बीच 1998 में भी गठबंधन हुआ था और तब इनेलो बसपा के बीच क्रमश: 6-4 पर समझौता हुआ था। यानि छह सीटों पर इनेलो व चार सीटों पर बसपा ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनेलो ने छह में चार सीटें जीतीं थी, जबकि बसपा को चार में से सिर्फ एक सीट पर ही विजय हासिल हुई थी। इनेलो व बीजेपी में गठबंधन होने पर 1999 में इनेलो ने बीएसपी से किनारा कर लिया था।

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