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पत्रकार जेडे हत्याकांड में डॉन छोटा राजन दोषी करार, जिग्ना वोरा-पॉलसन बरी

मुंबई,
पत्रकार जेडे मर्डर केस में सात साल बाद मकोका कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने 11 आरोपियों में से 9 को दोषी करार दिया, वहीं पत्रकार जिगना वोरा और जोसेफ पॉल्सन को बरी कर दिया। जज समीर अजकर की कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने कहा था कि जेडे की हत्या राजन के इशारे पर की गई थी।

11 जून 2011 को हुए पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पिछले सात साल से सुनवाई चल रही थी। इस बीच साल 2015 में छोटा राजन को इंडोनेशिया से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद इस केस में सुनवाई तेज हुई। दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद छोटा राजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मकोका कोर्ट में पेश होता रहा है।

यह पहला मामला है जिसमें छोटा राजन को दोषी ठहराया गया है। इस मामले की छानबीन के बाद पुलिस ने मकोका कोर्ट में 3000 पेज की चार्जशीट दायर किया था। इसके बाद साल 2016 में इस मामले में आरोप तय कर दिए गए थे। मुंबई की स्पेशल मकोका कोर्ट में सभी 11 आरोपी फैसला सुनने के लिए मौजूद रहे। छोटा राजन वीसी के जरिए जुड़ा हुआ था।

अभियोजन पक्ष के मुताबितक, माफिया सरगना छोटा राजन को यह लगता था कि जेडे उसके खिलाफ लिखते थे, जबकि मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का महिमामंडन करते थे। सिर्फ इसी वजह से छोटा राजन ने पत्रकार जेडे की हत्या करवाई थी। उसने ही इस हत्याकांड की साजिश रची थी। सबूत के तौर पर कुछ एक्स्ट्रा जूडिशियल कंफेशन हैं।

छोटा राजन के वकील अंशुमन सिंह के मुताबिक, अभियोजन पक्ष का कहना गलत है। छोटा राजन के नाम से किए गए सभी कॉल्स फर्जी थे। इसकी कोई जानकारी छोटा राजन को नहीं थी। दरअसल, छोटा राजन के खिलाफ ये आरोप है कि जेडे की हत्या के बाद जब हाहाकार मचा था, तब राजन ने कई न्यूज़ चैनलों के दफ्तर में फोन किया था।

छोटा राजन ने कहा था कि वह जेडे को सिर्फ धमकाना चाहता था। उसका इरादा उनकी हत्या करने का नहीं था। अभियोजन पक्ष ने इसी रिकॉर्डिंग को अदालत में सबूत के तौर पर पेश किया था। उन दिनों विदेश में बैठे राजन ने शूटर सतीश कालिया और उसके साथियों की मदद ली। पत्रकार जिगना वोरा ने जेडे की पहचान कराने में राजन के गुर्गों की मदद की थी।

इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद मुंबई पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाताया था कि आरोपी कैसे जेडे का पीछा करते थे। मीडिया ने भी उस समय सीसीटीवी फुटेज दिखाया था। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक फुटेज में दिखने वाले लोग वही हत्यारे थे जो जेडे का पीछा करते थे। अंत में उन्होंने ही जेडे को गोली मारी थी।

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Jeewan Aadhar Editor Desk