हरियाणा हिसार

दुष्यंत चौटाला खौफ : मोनिटरिंग कमेटी की बैठक में आने से कतराने लगे भाजपाई

हिसार
डिस्ट्रिक्ट डेवलेपमेंट कॉ-ओर्डिनेशन एंड मोनिटरिंग कमेटी की बैठक में आज जिले के विभिन्न विभाग और निगमों के अधिकारियों के बीच सामजंस्य की भारी कमी स्पष्ट रूप से देखी गई। हांसी की सक्रिय नागरिक नेहा धवन ने इस बात को कमेटी के चेयरमैन एवं हिसार संसदीय क्षेत्र से सांसद दुष्यंत चौटाला के समक्ष खुलकर कहा तो सांसद चौटाला ने भी बैठक के आखिरी चरण में कह दिया कि जब अधिकारियों में ही सामंजस्य नहीं होगा तो वे जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए आगे कैसे बढ़ पाएंगे।
बैठक के दौरान शहर में एचएयू के साथ लगती जमीन पर अधर में अटके हॉकी एस्ट्रोटर्फ के अधूरे काम को पूरा करने को लेकर सांसद चौटाला ने खेल विभाग से बिजली निगम और जन स्वास्थ्य विभाग से कनैक्शन को लेकर जानकारी मांगी। खेल विभाग की अधिकारी ने कहा कि बिजली निगम की तरफ से कनैक्शन को लेकर जो एस्टीमेट पहले बताया गया था, वह राशि बिजली निगम को दे दी गई, मगर अब बिजली निगम और पैसों की मांग कर रहा है। इस पर उपायुक्त निखिल गजराज भी हैरत में पड़ गए और उन्होंने इस काम में देरी होने का ठीकरा बिजली निगम के अधिकारियों पर फोड़ भी दिया। उपायुक्त ने इस विषय पर स्थिति स्पष्ट कर रहे बिजली निगम के एसई डीएल हंसु को कहा कि आप बार-बार खेल विभाग को अलग-अलग चरणों में एस्टीमेट दे रहे हैं, जोकि गलत तरीका है, आपको यह राशि एकमुश्त मांगनी चाहिए, जोकि नहीं की जा रही है। इस विषय पर निगम के एसई और उपायुक्त में कुछ देर के लिए बहस भी हो गई। उपायुक्त ने निगम के एसई को कहा कि निगम खेल विभाग को 10 दिन में पैसा वापस दें। उपायुक्त ने बताया कि निगम ने कनैक्शन के लिए पहले तो 7 लाख मांगे, जब सात लाख दे दिए तो अब निगम 10 लाख और मांग रहा है। उपायुक्त को यह बात नागवार लगी। दोनों अधिकारी आपस में नियमों का हवाला भी देने लगे। दोनों उच्च अधिकारियों के बीच इस असामंजस्य की कमी को दबाने के लिए आखिर सांसद चौटाला ने हस्तक्षेप किया और निगम के एसई को हॉकी एस्ट्रॉटर्फ कैम्पस में बिजली कनैक्शन के लिए एकमुश्त एस्टीमेट बनाकर खेल विभाग को देने की बात कही और एसई डीएल हंसु ने इस बात को स्वीकार करते हुए 30 जून तक यह रिपोर्ट तैयार करने का आश्वासन दिया।
इसी तरह जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा पानी के कनैक्शन को लेकर भी फाईल की प्रोसीडिंग्स अभी तक पूरी नहीं हुई है। फाइल एक टेबल से दूसरे टेबल पर ही घूम रही है। हांलाकि विभाग के अधिकारियों ने सांसद को कहा कि वे जल्द ही पानी के कनैक्शन का काम शुरु कर देंगे। चौटाला ने इस काम की स्टेटस रिपोर्ट देने को भी कहा।
डीसी कर्मचारियों की वाह-वाही बटौर गए, मगर समाजसेवियों को भूल गए
बैठक के दौरान बेसहारा पशुओं की समस्या का दूर करने का मुद्दा उठा। सांसद ने कहा कि प्रशासन जिले को बेसहारा पशुओं से मुक्त आखिर कब तक कर पाएगा। आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं और कॉलोनियों में लोग चोटिल हो रहे हैं। इस दौरान निगम द्वारा धान्सू रोड पर बने नंदीशाला में नंदियों की मौत के बारे में भी कमेटी के चेयरमैन एवं सांसद चौटाला ने उपायुक्त से जानकारी मांगी। उपायुक्त के जवाब से स्पष्ट हो गया कि फिलहाल सरकार की तरफ से जिले को बेसहारा पशुमुक्त बनाने के लिए कोई विशेष आर्थिक प्रबंध नहीं हुए हैं। हैरानी तो तब हुई जब उपायुक्त निखिल गजराज ने नंदियों की लगातार सेवा कर रहे शहर के सैंकड़ों समाजसेवियों की अथक सेवा को भूल सरकारी कर्मचारियों की वाह-वाही को लूटने का प्रयास किया। उपायुक्त निखिल गजराज ने बैठक में कहा कि जिले के हजारों कर्मचारियों ने बेसहारा पशुओं की सेवा के लिए अपने वेतन में से आर्थिक मदद की है, जिसकी कुल राशि 30 लाख रुपए हो चुकी है। मगर उपायुक्त ने उन समाजसेवियों की सेवा पर एक शब्द नहीं बोला, जोकि हर रोज अपने रिश्तेदार, शहर के आमजन के आगे हाथ और झोली फैलाकर नंदियों की सेवा के लिए आर्थिक मदद के जरिए चारा व अन्य मूलभूत जरूरतों को पूरा करते हैं। समाजसेवियों की मानें तो एक दिन में नंदियों की सेवा के लिए औसतन 80 हजार रुपए का खर्चा होता है और उपायुक्त के अनुसार जिन सरकारी कर्मचारियों की तरफ से 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद एकत्र हुई है, वह मुश्किल से डेढ़ महीना ही चल पाएगी।
सत्तापक्ष के नेताओं ने बैठक से बनाए रखी दूरी
आज जहां एक तरफ सत्तापक्ष भारतीय जनता पार्टी के विधायक एवं सीपीएस दूर रहे, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के विधायकों ने भी इस बैठक से दूरी बनाई रखी। बैठक में केवल इनेलो के विधायक ही उपस्थित रहे। इनमें नलवा से विधायक रणबीर गंगवा, बरवाला से विधायक वेद नारंग और उकलाना से विधायक अनूप धानक थे।
खुले में शौचमुक्त अभियान कागजों में सफल जमीन पर स्थिति सांसद के समक्ष और स्थिति
जिले को शौचमुक्त चलाने को लेकर प्रशासन की तरफ से आज की बैठक में जो आंकड़े प्रस्तुत किए, उसके आधार पर प्रशासन की टीम शाबाशी के काबिल थी, मगर इसी बीच राज्यसभा सांसद के प्रमुख कर्मचारी हरेराम मिश्रा खारा बरवाला में शौच मुक्त अभियान की असली स्थिति सांसद और प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष रखी। इस पर सांसद ने कहा कि इस अभियान को असल में सफल करने के लिए लोगों को अपनी मानसिकता को भी बदलना होगा और इस अभियान को सफल रूप देने वाली टीम को भी जमीनी स्तर पर काम करके दिखाना होगा। इसी बीच जनस्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने अपने मोबाइल में से एक फोटो सांसद दुष्यंत चौटाला को दिखाई, जिसमें सरकार की तरफ से शौच मुक्त अभियान में एक गांव में शौचालय तो बना दिया, मगर उस शौचालय में व्यक्ति ने किरयाने की दुकान बना ली। चौटाला ने इस फोटो को देखकर तुरंत अधिकारी को यह फोटो उनके पास भेजने को कहा और कहा कि वे यह फोटो संसद में दिखाकर सरकार के इस अभियान की वास्तविकता बताएंगे।

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